3 बेटीयों के जन्म पर कसें तंज अब बेटीयों ने ऐसा कर दिखाया कि दी जाती है मिशाल

शिवपुरी। पिछले जमाने में लडकीयों को बोझ समझा जाता था लेकिन इससे बड़ी बिडंबंना क्या होगी कि शिवपुरी में एक परिबार में लगातार बेटीयों के जन्म लेने पर परिजन दुखी हो गए और उन्होंने प्रसूता को ही बेटीयों के जन्म के लिए बुरा भला कहते हुए तंज कसा। उसी समय बेटीयों के पिता ने प्रण लिया कि वह बेटीयों को इस काबिल बनाएगेंं की दुनिया उनकी बेटीयों पर नाज करेंगी। और हुआ भी यही कि तीनों बेटीयों ने अपने पिता के मार्गदर्शन में वह कर दिखाया जिसे देख कर सभी आज उन बेटियों की मिशाल देते है। 

यह वाक्या  शिवपुरी के रिटायर्ड बैंकर विपिन शर्मा  के साथ घटा जब उनकी पत्नि स्नेहलता जो कि अब कोर्ट रीडर से रिटार्यड हो गई है को तीसरी डिलेबरी होनी थी। घर में दो बेटीयां पहले से ही थी लेकिन तीसरे बच्चे के रूप में परिजन बेटे की आस लगाए बैठे थे। पर होनी को कौन टाल सकता है और तीसरी संतान के रूप में शर्मा जी के परिवार में मासूम बालिका आ गई। 

जिस पर खुश हो रहे परिजनों के चहरे उतर गए और परिजनों ने पति पत्नि पर तमाम तरह के तंश कसे। तभी शर्मा जी ने प्रण किया कि वह इन मासूमों को इस काविल बनाएगेंं की दुनिया उन पर नाज करेगी और हुआ भी वही। इन मासूम बालिकाओं ने अपने पिता के बताए गए रास्ते चुने और लगातार लगन और मेहनत से पढ़ाई करके अपने पिता के पद चिन्हों पर चलकर तैयारी की। 

वे अपनी बेटियों को बुलंदियों पर पहुंचाकर ताना मारने वालों को जवाब देंगे किया भी ऐसा ही बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने में उन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी आज उनकी सबसे बड़ी बेटी मुरैना में मजिस्ट्रेट है दूसरी बेटी इंदौर कोर्ट में एडीपीओ है और तीसरी बेटी ने हाल ही में सीईओ पद पर नौकरी पाई है।

गोविंदनगर में रहने वाले विपिन शर्मा पंजाब नेशनल बैंक से सेवानिवृत्त हैं पत्नी स्नेहलता भी कोर्ट रीडर से सेवानिवृत्त हुई हैं तीन दशक पहले बड़ी बेटी प्राची ने जन्म लिया इसके बाद परिवार में निधि और फिर इति आईं एक के बाद एक तीन बेटियों के जन्म लेने के बाद समाज, पड़ोसियों के साथ-साथ परिजन भी शर्मा दंपती पर तंज कसने लगे बकौल शर्मा जी तानों से वे रात-रात भर सो नहीं पाते थे हर समय यही चिंता सताती रहती थी कि वे कैसे समाज का मुंह बंद कर सकेंगे।

पिता ने ठाना, बेटों से बढकर पालेंगे बेटियों के प्रति असीम स्नेह रखने वाले शर्मा दंपती ने इन तानों को चुनौती माना और ठाना कि एक दिन वे अपनी तीनों बेटियों को इतना सक्षम बनाएंगे कि लोगों की लड़कियों के प्रति सोच बदल जाएगी बेटियों की पड़ाई लिखाई से लेकर लालन पालन में शर्मा दंपती ने जमीन-आसमान एक कर दिया और जो लोग ताने मार रहे थे उनके मुंह बंद कर दिए। अब जो ताने मार रहे थे वह अपनी बेटीयों को शर्माजी की बेटीयों की मिशाल देते है।