इन ठिठुरिती रातो में पानी के लिए जगराता करता शहर

शिवपुरी। शिवपुरी नगरपालिका क्षेत्र में इन दिनों पेयजल समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। लोग रात-रात भर जाग कर पानी व्यवस्था जुटाने में लगे हुए हैं। जबकि नगरपालिका ने पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए करोड़ों रूपए बहा दिये, लेकिन पेयजल की पूर्ति नहीं हो सकी है।

 ऐसी स्थिति में लोगों के समक्ष भीषण संकट खड़ा हो गया। दूसरी ओर सिंध जलावर्धन योजना पर संकट के बादल खड़े हुए नजर आ रहे हैं। इससे आने वाले समय में पेयजल संकट गहराने की संभावनायें प्रबल होती दिखाई दे रही है। 

विदित हो कि गर्मियों में नपा ने पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए डेढ़ करोड़ रूपए पानी के लिए खर्च किये और प्रत्येक वार्ड में टेंकर लगाये गए वहीं  ट्यूब बैलों का खनन भी धड़ल्ले से कराया गया। इसके बाबजूद भी जनता पानी के लिए त्राही-त्राही करती रही। गर्मियों के बाद भी इन दिनों पानी की समस्या भीषण बनी हुई है।

नगर पालिका कई वार्ड में दो-दो टेंकर चला रही है। जो आठ-आठ चक्कर प्रतिदिन लगा रहे हैं। लेकिन पानी की समस्या यथावत बनी हुई है। इसका कारण यह है कि पेयजल समस्या को भ्रष्टाचार का साधन बना लिया गया है और जितने टेंकर कागजों में चल रहे हैं उसका चौथाई भाग भी वार्डों में नहीं पहुंच रहा है और नगरपालिका प्रशासन इसकी निगरानी करने में असफल साबित हो रही है।

अभी गर्मी आने में काफी देर हैं, लेकिन इसके पूर्व ही बोर दम तोडऩे लगे हैं। इसका कारण यह है कि पिछले वर्ष कम वर्षा हुई थी। जिसका असर दिखाई देने लगा है। 

रूचि हो तो हल हो सकता है शहर का पेयजल संकट
नगरपालिका प्रशासन में अगर शहर के जल संकट को हल करने की रूचि हो तो इस संकट से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है प्रशासनिक दृढ़ता और काम करने की इच्छा शक्ति। देखा यह  गया है कि कई वार्डो में पानी का जमकर अपव्यय हो रहा है और कई वार्डों में जनता पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं। उपलब्ध पेयजल का ठीक ढंग से प्रबंधन हो जाए तो शहर जल संकट से मुक्त हो सकता है।