राजे से की शिकायत: इस रेत चोर सबइंजीनियर को निलबिंत करो

शिवपुरी। शिवपुरी की जनता की प्यास बुझाने के लिए आठ वर्ष पूर्व लाई गई सिंध परियोजना में भ्रष्टाचार की बूं आने लगी है। यह भ्रष्टाचार ऐसा नहीं कि अभी-अभी किया गया हो। यह तो शुरूआत से ही नपा के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ नपा के आला अधिकारियों की भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। 

इसका खुलासा अब हो रहा है जब खुद नगर पालिका द्वारा फोरलेन निर्माण के दौरान सिंध परियोजना के पाइपों को साइड में शि ट किया जा रहा है। चूंकि यह लाइन 1200 मीटर के करीब फोरलेन में आ रही है जिसे हटाकर दूसरी जगह शि ट करने के दौरान देखने में आ रहा है कि जब पानी के पाइपों को डाला जा रहा था तो उसमें नियमानुसार पाइपों के नीचे व दोनों साइडों में एक-एक फीट बजरी का उपयोग होना था जिससे पानी सप्लाई होते समय पाइप लाइन में कंपन्न उत्पन्न होने पर उनके जॉइंट न खुल सकें, लेकिन नपा के आला अधिकारियों ने खुद की देखरेख में चल रहे कार्य में जमकर भ्रष्टाचार कर डाला। 

इस तरह की लिखित शिकायत शनिवार को प्रदेश की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के शिवपुरी प्रवास के दौरान पत्रकार और ठेकेदार विजय चौकसे ने जड़ी। जिसके बाद शिकायत को लेकर कड़े लिहाज में मंत्री जी ने कलेक्टर महोदय को कार्रवाई के लिए फरमान सुना दिया। 

विजय चौकसे ने शिकायत में लिखा कि नगर पालिका में पीएचई से अटैचमेंट सब इंजीनियर केएम गुप्ता के देखरेख में सिंध परियोजना का कार्य कराया जा रहा था जिसमें अब सीधे-सीधे खुला भ्रष्टाचार सामने आने लगा है। अपनी कमीशनखोरी के चलते सब इंजीनियर ने शहर की जनता की ओर भी नहीं देखा कि इसमें भ्रष्टाचार न किया जाए। 

यह तो दुआएं देने वाले कार्य हो  रहे हैं जिससे पूरे शहर की जनता को पानी मिलेगा। सब इंजीनियर केएम गुप्ता की देखरेख में ही इन पाइप लाइनों को डाला गया जिसमें नीचे और दोनों साइडों में बजरी डालने का उल्लेख दोशियान कंपनी की एमबी बुक में किया गया। इसका खुलासा तो पाइप लाइन शि ट करने के दौरान हुआ कि इसमें बजरी नहीं डाली गई। इस भ्रष्टाचार को पूर्व में भी कई समाचार पत्रों में प्रमुख रूप से प्रकाशित भी किया गया। 

लेकिन नपा प्रशासन और शासन ने इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा आज शहर की जनता को ही भुगतना होगा। जहां सिंध परियोजना के साथ ही केएम गुप्ता नगर पालिका द्वारा जल प्रदाय की व्यवस्थाओं के प्रभारी भी हैं जिसमें सेलिंग क्लब से शिवपुरी के नलों में जो पानी सप्लाई किया जाता है। 

उसे फिल्टर करने के लिए लगभग 50 लाख रूपए की एलम एवं ब्लीचिंग खरीदी जाती है। उसके बाबजूद भी आये दिन देखने में आता है कि गंदा पानी नलों में सप्लाई किया जा रहा है तथा नगर पालिका द्वारा पेयजल प्रबंधन के लिए लगभग दस करोड़ रूपए साल भर में खर्च किये जाते हैं। पिछले कई वर्षो से इन सारी व्यवस्थाओं का प्रभारी एक ही सब इंजीनियर केएम गुप्ता है। जबकि देखा जाए तो यह पूरा कार्य लगभग पांच लोगों के बस का है। 

लेकिन आला अधिकारियों से सांठगांठ करके पूरा प्रभार इंजीनियर द्वारा अपने हाथ में ले रखा हैं। इस भ्रष्ट प्रबंधन के कारण शहर की जनता को इतनी राशि खर्च करने के बाद भी गंदा बदबूदार पानी पीने के  लिए विवश होना पड़ रहा है। 

सब इंजीनियर के साथ-साथ एई भी बराबर का दोषी
जब शिवपुरी में सिंध परियोजना 2008 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से लाई गई तो शहर की जनता में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था कि अब पानी के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है अब हमारे नलों में घर तक सीधे पानी आएगा। लेकिन तभी कार्य प्रारंभ होने के चलते निर्माणाधीन एजेन्सी नगर पालिका ने इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और न ही इस ओर किसी जनप्रतिनिधि ने विशेष रूप से ध्यान दिया जिस कारण इस महती योजना को नपा के आला अधिकारी कमीशनखोरी में चाट गए।

 इस सिंध परियोजना की देखरेख पूर्व असिस्टेंट इंजीनियर जेपी पारा की देखरेख में भी चल रहा था जबकि उनके साथ नपा में मौजूद सब इंजीनियर केएम गुप्ता कार्य कर रहे थे। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी जेपी पारा को नहीं हो, लेकिन वह भी इस भ्रष्टाचार में शामिल होकर शिवपुरी शहर की जनता के साथ छलावा कर गए। 

जब सिंध जलावर्धन योजना में ा्रष्टाचार की बू आने लगी तो इंजीनियर जेपी पारा अपना ट्रांसफर कराकर यहां से भाग गए जो वर्तमान में नगर निगम ग्वालियर में पदस्थ हैं।