शिवपुरी। किसी पाप कर्म की वजह से आप इस कारागृह में आ गए है अब यहां रहते हुए कुछ ऐसे प्रयास जीवन के लिए करें कि कारागृह से जाने के बाद आपका जीवन कारगर बन जाए। उक्त उद्गार प्र यात जैन मुनि प्रकर्ष सागर जी महाराज ने जिला जेल शिवपुरी में जेलर के अनुग्रह पर बंदियों के लिए आयोजित की गई विशिष्ट धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
ाास बात यह रही कि प्रवचन सुनने के दौरान ना केवल बंदियों की आंखों से आंसू छलक उठे वरन् जेल में मौजूद तकरीबन 300 कैदियों ने अपने जीवन की बुराईयों को त्यागने का संकल्प लिया और गुरूदक्षिणा में मुनिश्री से अच्छा जीवन बने इसका आर्शीवाद भी लिया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा कि जिस तरह से संत सभी के होते है वह किसी जाति विशेष या वर्ग विशेष के लिए उपदेश नहीं देते वरन् सारी मानव जाति के कल्याण के लिए अपने प्रवचन देते है। ठीक इसी तरह से संत की तरह ही अरिहंत, सरिता, मंत्र और मॉं यह पांच वह वस्तुऐं है जो किसी एक के नहीं होते वरन् संपूर्ण मानव जाति के लिए होते है।
कैदियों को संबोधित करते हुए जब मुनिश्री ने कहा कि मैं इस जेल में आप सब की सभी बुराईयां लेने आया हॅूू और आपको सुख-शांति से रहने का आर्शीवाद देने आया हॅंू, तो उक्त वचनों को सुन कैदियों की आंखों से अश्रुधारा छलक उठी। यही नहीं बंदियों से उन्होंने शराब, मॉंस, अण्डे और सप्त व्यसनों को त्यागने की नसीहत भी दी। जिसे बंदियों ने ना केवल स्वीकारा वरन् भविष्य में कभी भी इन बुराईयों को ना करने का संकल्प भी लिया।
जिला जेल में आयोजित धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण से जेल के बंदी कल्ली यादव द्वारा किया गया और इसके पश्चात प्र यात भजन गायिका श्रीमती प्रतिभा जैन ने एक भक्ति गीत की प्रस्तुति दी। तीन बार राष्ट्रपति पुरूस्कार से अलंकृत जेलर व्ही.एस.मौर्य ने ना केवल मुनिश्री के चरणों में श्रीफल समर्पित कर आर्शीवाद ग्रहण किया वरन् जेल में आयोजित होने वाले विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ प्रतिदिन के रूटीन कार्यक्रमों की जानकारी उपस्थित जनसमुदाय को दी।
धर्मसभा का संचालन संजीव बांझल द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला जेल परिसर में जेलर श्री मौर्य के अलावा जैन समाज के डॉ.एम.के.बांझल, आनन्द जैन, रतन जैन, राजेश जैन राजू, विजय निराला, अगम जैन, कन्हैया कुशवाह, लल्ला पहलवान, विजय परिहार सहित कई महिला पुरूष भक्तजन विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में प्रेम स्वीट्स परिवार की ओर से जेल परिसर में बंदियों और उपस्थित लोगों के लिए मिष्ठान वितरण भी किया गया।
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