ज्योतिरादित्य सिंधिया मप्र में कांग्रेस के सीएम कैंडिडट, टिकट भी बांटेंगे

शिवपुरी। यूपी में करारी हार और पंजाब में शानदार जीत के बाद कांग्रेस हाईकमान ने तय कर लिया है कि मप्र किसी भी कीमत पर हाथ से जाने नहीं दिया जाएगा। हाईकमान को यह भी समझ आ गया है कि दिल्ली का दखल ही कांग्रेस को कमजोर करता है अत: मप्र में अब दिल्ली का दखल नहीं होगा। सारी शक्तियां ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दी गई हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, सिंधिया के साथ मिलकर टिकटों का बंटवारा करेंगे और सिंधिया के पास ही फाइनल फैसलों की पॉवर होगी। जीत की शर्त के साथ सिंधिया को फ्री हेंड दे दिय गया है। 

न्यूज ऐजेंसी HNS ने दावा किया है कि यूपी में मिली धूलचटाने वाली शिकस्त के बाद हाईकमान ने कई मामलों पर गंभीरता से विचार किया। एक विषय क्लीयर होकर सामने आया कि यूपी में हाईकमान पूरी तरह से इन्वाल्व था और पंजाब केप्टन के हवाले कर दिया गया था। नतीजा सबके सामने है। कांग्रेस में क्षेत्रीय नेताओं को फ्री हेंड देने से वो अच्छे परिणाम लाते हैं। भाजपा की तरह केंद्रीय नेताओं का बोझ कांग्रेस के क्षेत्रीय कार्यकर्ता नहीं उठाते। अब कांग्रेस अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। ज्यादा विधायक होने के बाद भी गोवा में सरकार नहीं बना पाई, इसका सीधा दोष दिग्विजय सिंह पर मढ़ा जा रहा है। मणीपुर जैसा राज्य हाथ से निकल गया। अब मप्र में सरकार बनाना कांग्रेस के लिए हर हाल में जरूरी है। 

कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही कांग्रेस में दिग्विजय सिंह की चालों में उलझ जाते हों परंतु आम जनता के बीच वो मासलीडर बनकर सामने आए हैं। मप्र की जनता दिग्विजय सिंह से बिल्कुल वैसे ही डरती है जैसे आसपास के गांव वाले बच्चे गब्बर सिंह से। सिंधिया शिवपुरी-गुना से सांसद है और यूपीए सरकार में कैबीनेट के मंत्री रहे है। वर्तमान में कांग्रेस के लोकसभा सचेतक का पद पर है। सिंधिया की छबि अभी तक बेदाग रही है। और इस प्रदेश मे एक ऐसे चेहरे है जो शिवराज सिंह को टक्कर दे सकते है। प्रदेश में पूरी तरह डूब चुकी कांग्रेस अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे को दिखाकर चुनाव लडने का मन बनाया है। 

जैसा की विदित है कि भाजपा जितनी मेहनत सडक पर करती है, उतनी मेहनत वह सोशल पर भी करती है। प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया अकेले ऐसा नेता है जो सोशल मिडिय़ा पर सक्रिय रहते है। अभी हाल ही में ही ज्योतिरादित्य ने अपनी फेसबुक पर लाईव आकर प्रदेश वासियो के सवालों जबाब दिए थे। बताया गया है कि ज्योतिरादित्य ने करीब डेढ घंटे में 3 हजार सवालो के जबाब दिए थे।