यशोधरा राजे के भूमिपूजित तालाबों की स्वीकृति निरस्त

शिवपुरी। खबर आ रही है कि 2 मई को करई और बीलारा तालाबों का निर्माण और जीर्णोद्वार करने का भूमिपूजन शिवपुरी विधायक और प्रदेश के कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे ने किया था, यह तालाबो के निर्माण का कार्य श्रीगणेश होने से पहले की रूक गया। इस प्रोजेक्ट में वही गलती की गई थी जो शिवपुरी की जलावर्धन योजना और सीवर प्रोजेक्ट में गई है। बताया गया है इस तालाबो के निर्माण की तकनीकी स्वीकृति नही ली गई थी। और बडे ही जोर-शोर से इसका भूमिपूजन कर दिया गया। 

जैसा कि विदित हो कि जलावर्धन योजना और सीवर प्रोजेक्टो का काम शुरू कर दिया गया परन्तु उनकी सभी तकनीकी स्वीकृति नही ली गई थी इस कारण बार-बार काम को रोकना पडा ओर इस कारण इन प्रोजेक्टो का क्या हाल हो रहा है यह सबको  जानकारी है। इसी प्रकार इन तालाबो के निर्माण की तकनीकी स्वीकृति नही ली गई,उससे पहले ही  काम शुरू होने से पहले ही रूक गया। 

बताया गया है कि अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री जुलानिया के आदेश के अनुसार नवीन तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग और कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के संयुक्त स्थल निरीक्षण और संयुक्त हस्ताक्षर से जारी की जाएगी। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार यशोधरा राजे ने दो मई को 49.85 लाख रूपए की लागत से ग्राम करई के बड़ा तालाब के विस्तार कार्य का भूमि पूजन किया था। इस कार्य की तकनीकी स्वीकृति 27 अप्रैल को दी गई थी। इसके बाद यशोधरा राजे ने अगले दौरे में 19 मई को 40 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाले बीलारा तालाब के विस्तारीकरण एवं पिचिंग कार्य का भूमि पूजन किया था और कलेक्टर राजीव दुबे ने उस दिन से ही कार्य को शुरू किए जाने की घोषणा की थी। 

बीलारा तालाब की तकनीकी स्वीकृति 6 मई को दी गई थी। लेकिन 19 मई को अपर मु य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री जुलानिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उक्त दो तालाबों के अलावा शिवपुरी जिले के ग्राम नयागांव के तालाब की नए सिरे से तकनीकी स्वीकृति लिए जाने का आदेश दिया है। सूत्र बताते हैं कि श्री जुलानिया का मानना है कि तालाब निर्माण कार्य सिंचाई विभाग के मापदण्ड के अनुरूप किया जाए। 

जबकि छोटे तालाब जिनका मु य उद्देश्य जल भराब होता है उनके लिए सिंचाई विभाग के माप दण्ड अपनाने की आवश्यकता क्या है। लेकिन अपर मु य सचिव ने अपने आदेश को स्पष्ट कर दिया है कि जल संसाधन विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्रियों के हस्ताक्षर बिना तकनीकी स्वीकृति नहीं दी जाए। 

कलेक्टर ने उसी दिन दिए थे तालाब निर्माण के निर्देश
बीलारा तालाब के भूमि पूजन समारोह में कलेक्टर राजीव दुबे ने उसी दिन से तालाब निर्माण का कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे और ग्रामीणों से कहा था कि वह आज से ही मजदूरी करें तथा उन्हें 168 रूपए प्रति दिन की दर से मजदूरी दी जाएगी। इतनी कम दर पर मजदूरी करने  से मजदूरों ने इन्कार कर दिया था, लेकिन यशोधरा राजे ने ग्राम वासियों को ग्राम की पेयजल समस्या देखते हुए उसके स्थाई हल हेतु उन्हें कार्य करने पर सहमत कर दिया था। लेकिन अब नए सिरे से तकनीकी स्वीकृति लेने से यह स्पष्ट है कि इस बरसात में बीलारा तालाब की पेयजल समस्या हल नहीं होने वाली हैं।