शिक्षा विभाग: पदोन्नति में भेदभाव की तैयारी

शिवपुरी। खबर आ रही है कि जिलापंचायत में अध्यापको की पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया में पदोन्नति घोटाला करने की तैयारी चल रही है।

बताया जा रहा है कि सीईओ जिला पंचायत शिवपुरी द्वारा वर्तमान में अभी केवल अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया पर कार्य चल रहा है, जिसमें जिले के सहायक अध्यापाकों की पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ न करते हुए उनके अधिकारों की उपेक्षा की जा रही है। अध्यापक संवर्ग की पिछली पदोन्नति वर्ष 2013 में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ संदीप माकिन द्वारा दो बार की गई जिसमें सहायक अध्यापकों से अध्यापक एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर दोनों वर्गों की पदोन्नति साथ-साथ ही की गई थी।

परंतु वर्ष 2013 से अब वर्ष 2016 तक पिछले तीन वर्षों में जिला पंचायत द्वारा अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति एक ही बार नहीं की, अचानक तीन वर्ष बाद जिला पंचायत शिवपुरी के अध्यापाकों की पदोन्नति की प्रक्रिया प्रांरभ की है लेकिन इसमें सहायक अध्यापको की पदोउन्नति नही की जा रही है। 

दिनांक 09 मार्च 2016 को कलेक्ट्र्ेट में आयोजित परामर्शदात्री की बैठक में कर्मचारी संगठनों द्वारा सहायक अध्यापकों की पदोन्नति भी अध्यापकों की पदोन्नति के साथ-साथ किये जाने को कहा गया तब जिला कलेक्टर द्वारा विभाग प्रमुख को निर्देशित कर समय-सीमा मांगी गई और पदोन्नति अतिशीघ्र किये जाने के निर्देश दिये थे।

परंतु जिला पंचायत शिवपुरी द्वारा कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार करते हुए सहायक अध्यापकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया और केवल अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पर पर पदोन्नति की प्रक्रिया पर कार्यवाही की जा रही है, जो कि माह मार्च के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण कर ली जावेगी।  

ऐसा क्यो किया जा रहा है सबाल खडे हो रहे है। इस मामले में अपने राम का तो यही कहना है कि अध्यापकों की पदोन्नति सिर्फ इस कारण की फटाफट जा रही है कि अपने चहेतो या यू कहलो की कमाई मशीनो को लाभ वाले पदो पर टिकाया जा सके। 

इस पूरे मामले में देखना अब यह होगा कि जिले के सहायक अध्यापकों को पदोन्नति का लाभ अध्यापकों की पदोन्नति के साथ-साथ मिलता है या नहीं या पिर उनका अधिकार भ्रष्टाचार या मनमानी के आगे दम तोड देगा।साथ ही यह भी देखना होगा कि अध्यापक संगठन या अन्य कर्मचारी संगठन सहायक अध्यापकों को हक दिलवाने में आगे आते हैं या नहीं।