डकैत चंदन गडरिया ने TI को किया फोन

शिवपुरी। पिछले दिनो कोलारस थानाक्षेत्र से एक चारवाहे को अपहरण हो गया था। इस अपहरण के पीछे चंदन गडरिया गैंग का नाम आ रहा था परन्तु शिवपुरी पुलिस इस अपहरण के पीछे डकैत चंदन गडरिया का हाथ नही मान रही थी। अंततः कोलारस टीआई के मोबाईल पर डकैत ने अपनी स्वंय ही अपनी आईडेंटी बैरीफाई कर दी। 

आज दैनिक भास्कर ने यह खबर प्रकाशित की है कि 3 हजार के ईनामी डकैत चंदन गडरिया ने कोलारस टीआई अवनीत शर्मा को मोबाईल पर फोन कर कहा कि उसने ही 6 दिन पूर्व राजस्थान के रहने वाले सीताराम का अपहरण किया है। डकैत ने टीआई से यहा भी कहा कि उसका नाम डीजीपी को भी बता दे। शिवपुरी एसपी ने ऐसा फोन आने की पुष्टि भी की है।  

डकैत चंदन गड़रिया के गैंग में पांच डकैत हैं और एक महिला उनके साथ है। दतिया जिले से रेप के मामले में फरार चंदन पूर्व में रामबाबू-दयाराम गैंग के लिए काम कर चुका है। चंदन गडरिया को रामबाबू गडरिया की तरह ही अपना नाम से दहशत फैलाना चाहता है कि इस कारण ही उसने फोन पर अपनी आईडेंटी दी है। 

आंतक का पर्याय बन चुकी गडरिया गैंग के कैजुअल मैंबर ने डकैत चंदन गडरिया ने यह गैंग बना ली है और इस डकैत को रामबाबू के वह ठिकाने और रास्ते और कार्यप्रणाली से परिचित है। जहंा छुप कर वह पुलिस से बचता था। 

कार्यप्रणाली भी पुरनी गडरिया गैंग की तरह ही सामने आने लगी है. रामबाबू-दयाराम गडरिया गैंग भी अपहरण कर चिठ्ठी छोड़कर जाता था। रामबाबू गडरिया तो वारदाम करने से पूर्व ही चिठ्ठी भेज दिया करता था। रामबाबू-दयाराम ने करसैना सामूहिक नरसंहार में गडरियां गैंग ने पुलिस को और ग्रामीणो को सूचित कर वारदात को अंजाम दिया था। 

पकड को लेकर जंगल में समा गई डकैत चंदन गडरिया गैंग के पास पुलिस की सभी सूचनाए पहुच रही है और इस कांण्ड से प्रकाशित अखबारो की खबरे भी गैंग के पास पहुंच रही होंगी। इसी का प्रमाण है यह फोन कि पुलिस अभी चंदन गडरिया के नाम को लेकर संशय है और इसी कारण डकैत ने टीआई को अपनी पहचान बताई है।