डर के मारे वापस लिया था हाईकोर्ट से आवेदन, उधार के स्टै पर डटे है डीपीसी

शिवपुरी। कंट्रोवर्सी और हठधर्मिता का दूसरा नाम बन चुके डीपीसी शिरोमणि दुबे ने अपने निलबंन के के आदेश के विरूद्व हाईकोर्ट गए और अपना आवेदन वापस विड्रोल कर लिया था।  बताया गया है कि शासकीय वकीलो ने डीपीसी शिरोमणि दुबे की प्रतिनियुक्ति पर सवाल खडे कर दिए थे। 

जानकारी के अनुसार शिवपुरी के निलबिंत डीपीसी शिरोमणि दुबे अपने आप को निलबिंत नही मान रहे है। और सूचनाओ के आधार पर वह हाईकोर्ट जाने की बात को स्वीकार कर रहे है और बडे ही शान से कह रहे है कि मैने अपना आवेदन क्रंमाक 8250 हाईकोर्ट से वापस लिया है। 

बताया जा रहा है कि तारिख 9-12-2015 को हाईकोर्ट ने निलबिंत डीपीसी के आवेदन की तारिख आगे बडाते हुए 10 को लगा दी ओर अचानक यह खबर आई कि डीपीसी दुबे के वकीलो ने अपना आवेदन विड्रो कर लिया। 

इस मामले में अपने राम का कहना है कि सरकारी वकीलो ने डीपीसी की प्रतिनियुक्ति पर सवाल खडे कर हुए कहा कि इन्है 8 साल तक अपनी प्रतिनियुक्ति पर कैसे डटै है। हाईकोर्ट में यह सवाल उछला तो अपना डीपीसी ने डर के मारे अपना आवेदन वापस ले लिया। कही प्रतिनिक्ति ही हाथ से नही चली जाए। 

शिवपुरी के डीईओ परमजीत सिंह को मिले स्टै पर डीपीसी शिरोममिण दुबे भ्रम फैलाकर डटे हुए है, या यू कह लो कि उधार के स्टै पर डटै हीे डीपीसी। चाहे राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल की कमिश्रर उन्है अभी निलबिंत मान रही हो और शिक्षा मंत्री का कार्यालय भी उन्है अभी भी निलबिंत घोषित कर रहा है।