अब नही लगेगा किसानो की जेब पर बट्टा,शिवपुरी मंडी में आढ़त खत्म

शिवपुरी। शिवपुरी कृषि उपज मंडी में अब फल और सब्जी का विक्रय करने आने वाले किसानों को आढ़त नहीं देनी होगी। इस बावत् मंडी शिवपुरी ने उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के निर्देश पर प्रस्ताव को पारित कर दिया है। 

अभी तक टमाटर, प्याज, शकरकंदी आदि के विक्रय पर किसानों को 5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तक आढ़त आढ़तियों  को देनी पड़ती थी जिससे किसान लगातार शोषण के शिकार हो रहे थे। कृषि उपज मंडी शिवपुरी के उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह ने बताया कि मंडी प्रशासन ने आढ़त खत्म करने बावत् आदेश पारित कर दिए हैं और यदि कोई व्यापारी या आढ़तियों किसानों से आड़त वसूल करेगा तो उसके विरूद्ध मंडी प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

आढ़त खत्म होने से किसानों ने राहत की सांस ली है और इसके लिए उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार कथित व्यापारियों और आढ़तियों  द्वारा मनमाना तथा गैर कानूनी रूप से आढ़त वसूल करने के कारण किसान शोषण के शिकार हो रहे थे। एक ओर जहां किसानों से 7 प्रतिशत तक अवैधानिक रूप से आढ़त वसूल की जा रही थी। वहीं दूसरी ओर 40 किलो उपज पर 5 किलो आड़तिये और व्यापारी अधिक रूप से किसानों से वसूली कर रहे थे। 

मंडी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह बताते हैं कि मंडी अधिनियम में कहीं भी किसानों से आढ़त वसूल करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके बाद भी मंडी में वसूली की जा रही थी। इस कारण कृषि उपज मंडी में कई बार किसान और आड़तिये आमने-सामने आए थे, लेकिन इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला था। 

इस संबंध में मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने तत्कालीन एडीएम जेडयू शेख से चर्चा की तो एडीएम का कहना था कि यदि मंडी आढ़त खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर देती है तो इसमें प्रशासन हस्तक्षेप कर आड़तियों को आढ़त न लेने के लिए बाध्य कर सकती है। 

उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की जानकारी में जब यह बात आई तो उन्होंने मंडी प्रशासन से तुरंत आढ़त खत्म करने को कहा। इस पर मंडी अध्यक्ष शंकर आदिवासी के निर्देश पर उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह ने आढ़त खत्म करने का प्रस्ताव मंडी प्रशासन के समक्ष रखा जिसमें आम सहमति से लगभग सभी सदस्यों ने आढ़त खत्म करने पर सहमति जताई।

किसानों को राहत दिलाने के यशोधरा राजे के इस निर्णय का मंडी अध्यक्ष शंकर आदिवासी, उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह, सदस्य सिरनाम रावत, नीरज खटीक, अवतार सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, कमला धाकड़, रामप्यारी जाटव, हरिशंकर गोयल आदि ने स्वागत करते हुए इसे एक किसान हितैषी निर्णय बताया है और कहा है कि इससे कृषि उपज मंडी शिवपुरी की साख में वृद्धि होगी तथा किसान यहां आने के लिए प्रोत्साहित होंगे। 

अभी भी आड़त वसूल किए जाने की सुगबुगाहट 
कृषि उपज मंडी के उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह स्वीकार करते हैं कि अभी भी आढ़तियों द्वारा किसानों से अवैधानिक रूप से आढ़त वसूल किए जाने की सुगबुगाहट मिल रही है। किसानों को इसमें आगे आकर अपना विरोध व्यक्त करना चाहिए और मंडी प्रशासन को अवगत कराना चाहिए ताकि आड़तिये उनसे आढ़त वसूल न कर सकें। उन्होंने किसानों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि इस मुद्दे पर प्रशासन और शासन भी हमारे साथ है। 

यशोधरा राजे के निर्देश पर रूकी थी प्याज की अवैध वसूली
पिछले दिनों जब मंडी में प्याज की ब पर आवक हुई थी तो आढ़तियों  बट्टे के नाम पर 40 किलो प्याज के कट्टे के स्थान पर 45 किलो का कट्टा ले रहे थे। इस तरह से आढ़त के अलावा 40 किलो पर 5 किलो अतिरिक्त प्याज वसूल की जा रही थी। 

जब इसकी जानकारी यशोधरा राजे सिंधिया को लगी तो उन्होंने जिला प्रशासन को किसानों से इस गड़बड़झाले और बेईमानी के नेटवर्क से बचाए जाने का निर्देश दिया। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और किसानों से की जाने वाली प्याज की अवैध वसूली रूकी।