9 माह से वेतन नही मिला कर्मचारीयों को, बैठगें भूख हडताल पर

शिवपुरी। शासन की सेवा करने के बाद भी 09 माह तक वेतन ना मिलने  के कारण तात्या टोपे शारीरिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचाररियों के परिवार की स्थिती भूखो मरने पर आ गई है।। प्रबंधन इन कर्मचरियों की कोई सुनवाई नही कर रहा है। इस कारण यह कर्मचरियों ने अब भूख हडताल पर बैठने की धमकी दी है।  

चपरासी स्तर की इस ड्यूटी को पूर्ण तन्मयता से करने के बाद भी आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी आज भी वेतन को तरस रहे है और संबंधित विभाग इनका वेतन ना देने के लिए ना-ना प्रकार के बहाने बना रहा है। विभाग के प्रभारी प्राचार्य ने तो जैसे इनकी अनसुनी करना ही सीख लिया है यही कारण है कि वह इनके वेतन पत्रक को आगे बढ़ाने का आश्वासन तो दे देते है लेकिन वेतन नहीं दिया जाता है।

 मार्च 2015 से आज तक वेतन को तरसे यह कर्मचारी आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है जबकि विभाग के यह अधिकारी अपना वेतन जरूर विभाग से हर माह को ले लेते है। इस संबंध में कर्मचारियों ने विभाग के प्रभारी प्राचार्य को वेतना ना मिलने से तंग आकर भूख हड़ताल पर बैठने के लिए आवेदन दिया लेकिन प्रभारी प्राचार्य ने लेने से इंकार कर दिया। अब इस संबंध में यह कर्मचारी आज उद्योग मंत्री से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाऐंगें। 

यह कर्मचारी है पीडि़त 
शास. तात्याटोपे शारी. प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों में घनश्याम जाटव, रामसेवक राठौर, रवि खरे, सुभाष कुमार रजक, रजनीश खाण्डेकर, पुरूषोत्तम सोनी, सावित्री केवट, रेखा धूलिया, कृष्णा पंवार शामिल है। यह सभी कर्मचारी बैक लॉग भर्ती के तहत नियुक्त हुए थे। 

प्रभारी प्राचार्य वेतन तो देते नहीं लगाते हैं आरोप 
कर्मचारियों का आरोप है कि यहां प्रभारी प्राचार्य कर्मचारियों का वेतन निकालने के बहाने उल्टा तंज कसने लगते है कि तुम बड़ी नेतागिरी कर रहे है। समाचार पत्रों में खबर छपवाकर हमें अपना कार्य करना सिखा रहे हो आदि जैसी अनेकों बातें प्रभारी प्राचार्य इन कर्मचारियों से कहकर इन्हें टरका देते है।

 ऐसे में यहां इन कर्मचारियों को वेतन तो मिलता नहीं बल्कि इन्हें दबाने के लिए उल्टे-सीधे आरोप जरूर लगा दिए जाते है। सूत्रों की खबर है कि प्रभारी प्राचार्य जगदीशचंद मकवाना इन दिनों शासन से मिलने वाले हाउस रेंट को बचाकर छात्रावास में रह रहे है और वहीं उनका भोजन-पानी भी हो रहा है। ऐसे में शासन की सुविधाओं को दबाते हुए छात्रावास की सुविधाओं का उपभोग कर रहे है। 

इनका कहना है-
भूख हड़ताल पर बैठने का आवेदन कर्मचारियों ने दिया था लेकिन हमने अपने वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा की तो उन्होंने आवेदन लेने से मना कर दिया। इसलिए आवेदन नहीं लिया। 
जगदीशचंद मकवाना
प्रभारी प्राचार्य, शा.ता.प्र.संस्थान शिवपुरी