अपहृत की हत्या, पुलिस से मुठभेड़, एक बदमाश को गोली लगी, शेष गिरफ्तार

भोपाल। श्योपुर के किसान श्रीराम धाकड़ का अपहरण डकैत मोहरू ने नहीं बल्कि शिवपुरी और मुरैना के बदमाशों ने किया था। शिवपुरी और मुरैना के बदमाशों को किसान ने पहचान लिया था इसलिए उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और इसके बाद एक लाख रुपए फिरौती भी वसूल ली थी। 

बुधवार की शाम को मोहना में पुलिस और अपहरण करने वाले बदमाशों के गिरोह का सामना हो गया। यहां पर शॉर्ट एनकाउंटर में एक बदमाश जीतू राठौर निवासी धौलागढ़, शिवपुरी घायल हो गया जबकि इसके दो साथी आदिराम आदिवासी और वीरे तोमर भी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। एक बदमाश परशुराम धाकड़ निवासी मुरैना भाग निकला। 

श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील के गसमानी थानाअंतर्गत आने वाले सहसराम गांव के किसान और मेटाडोर मालिक श्रीराम धाकड़ का अपहरण 27 मई को शिवपुरी और ग्वालियर के बॉर्डर से उस समय कर लिया गया था जब वह अपनी मेटाडोर को मोहना में छोड़कर बाइक से लौट रहे थे। 

शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर इन्हें तीन चार बदमाश मिले और लूटपाट की कोशिश की जब इनसे कुछ नहीं मिला तो बदमाश इन्हें अपने साथ ले गए। इनमें से एक बदमाश परशुराम धाकड़ निवासी सिविल लाइंस, मुरैना को श्रीराम ने पहचान लिया था। यह दोनों पहले कभी शादी समारोह में मिले थे। 

परशुराम की पहचान हो जाने के बाद बदमाशों को लगा कि उसकी वजह से अब वह लोग पकड़े जा सकते हैं। इसके बाद बदमाश श्रीराम को शिवपुरी के भानगढ़ के जंगल में ले गए और वहां पर गोली मार दी और सिर पर पत्थर पटक दिया। 

इसके बाद इन लोगों ने श्रीराम के मोबाइल फोन से उसके परिजन को फोन लगाया और खुद को डकैत मोहरू बताकर पांच लाख रुपए की फिरौती मांगने लगे। दो दिन तक फिरौती की डील चलती रही इसके बाद इन्होंने श्रीराम के भाई से जंगल में एक लाख रुपए रखकर जाने को कहा। भाई राजेंद्र यह रुपए रख भी आया। 

लेकिन उसने यह बात पुलिस को तब बताई जब रुपए रखने के बाद भी श्रीराम डकैतों की गिरफ्त से मुक्त नहीं हुआ। तब तक पुलिस इस मामले में काफी सुराग जुटा चुकी थी। बुधवार की शाम को एसपी ग्वालियर हरिनारायणचारी मिश्रा को पता चला था कि बदमाश आरौन पाटई रोड से गुजर रहे हैं, इस सूचना पर पुलिस ने इनकी घेराबंदी की तो बदमाशों ने इन पर फायरिंग कर दी। फायरिंग के दौरान एक बदमाश जीतू राठौर के पैर में गोली लग गई और वह पकड़ा गया।

जीतू के दो साथियों आदिराम आदिवासी और वीरे तोमर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि इनका चौथा साथी परशुराम धाकड़ भाग निकला। उसकी तलाश में पुलिस देर रात तक घेराबंदी कर रही थी।

एक बार फिर दूसरे नाम से फिरौती मांगी 
लूटपाट करने वाले बदमाश फिरौती मांगने के लिए इलाके के डकैतों के नाम का उपयोग कर रहे हैं। तीन महीने पहले मोहना में गैंगमैन के अपहरण के मामले में घीसा बंजारा के नाम पर फिरौती मांगी गई थी लेकिन जब मामला खुला तो पता चला कि बदमाश मोहना के रहने वाले थे। अपहरण की इस वारदात में घीसा के साले मोहरू के नाम का उपयोग किया गया था। यहां भी डकैत मोहरू का अपहरण की वारदात से लेना-देना नहीं था।