हीरामन बाबा की परिक्रमा लगाते ही छुमंतर हो जाते हैं पीलिया और पांडू जैसे घातक रोग

शिवपुरी। कोलारस तहसील मुख्यालय से 18 किमी दूर डेढ़ हजार की आबादी वाले ग्राम लेबा में स्थित हीरामन बाबा का प्राचीन देव स्थान पीलिया रोग को दूर करने के लिए विख्यात है। इस स्थान के बारे में बताया गया है कि मंदिर की पांच परिक्रमा लगाने व भभूत लगाने मात्र से पीलिया रोग से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है।

वैसे तो हर चौहदस व चतुर्थी के दिन लोग यहां दर्शन के लिए आते रहते हैं मगर श्रद्वालुओं की आस्था का केन्द्र बने हीरामन बाबा के चमत्कारी स्थान की यह मान्यता है कि वर्ष भर में एक बार गणेश चतुर्थी के दिन बीमारी से पीडि़त व मुक्ति पा चुके लोगों का यहां आकर दर्शन करने का विशेष महत्व माना गया है। साल में एक दिन गणेश चतुर्थी के दिन मेले में दूर-दूर से हजारों की सं या में श्रद्वालु आते हैं।

15 साल में दूर-दूर तक फैल गई डॉ. हीरामन बाबा की कीर्ति

डेढ़ दशक पहले तक हीरामन बाबा के स्थान पर बहुत कम लोग आते थे लेकिन इस स्थान की प्रसिद्वि 15 साल में दूर-दूर तक फैल गई है और हीरामन बाबा लोगों की श्रद्वा व आस्था के प्रतीक बन गए हैं।

लोगों को विश्वास है कि हीरामन बाबा के दर्शन कर प्रार्थना करने से उनका पीलिया रोग सही हो जाएगा। इसी उ मीद के साथ यहां कोलारस क्षेत्र ही नहीं शिवपुरी, ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, दतिया ईशागढ़ अशोकनगर, गुना, राजस्थान के कोटा, बांरा आदि स्थानों से बड़ी सं या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

मंदिर के भीतर बिराजे हैं हीरामन बाबा

सैकड़ों वर्ष पुराने हीरामन बाबा के मंदिर वाले स्थान पर पहले एक चबूतरा हुआ करता था मगर अब भव्य मंदिर, टीनशेड बन चुके हैं। मंदिर के भीतर हीरामन बाबा की श्रंगार से सजी मूर्ति बिराजमान है। इसी मंदिर के आसपास अन्य देवी-देवताओं के चबूतरे भी बने हुए हैं।

यहां आने वाले भक्त सबसे पहले प्रसाद चढ़ाकर अगरवत्ती लगाते हैं। इसके बाद मंदिर की पांच या सात परिक्रमा लगाने के बाद बाबा की भभूत माथे से लगाते हैं। हीरामन बाबा की भभूत मशहूर है। लोगों का मानना है कि बाबा की भभूत लगाने से पीलिया व पांडू की बीमारी से निजात मिल जाती है।

जानकार लोगों का मानना है कि पीलिया सही हो जाने के बाद साल में एक दिन गणेश चतुर्थी को दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।

डॉ.हीरामन बाबा ने बेरोजगार को भी रोजगार दिया 

पन्द्रह सौ की जनसं या वाले लेबा गांव में कुछ साल पहले तक दैनिक उपयोग के काम आने वाली एकाध दुकान हुआ करती थी लेकिन इस गांव में चतुर्थी के दिन भरने वाले मेले में सैकड़ों की सं या में दुकानदार आते हैं।

प्रसाद की दुकानों के अलावा मनहारी, हलवाई, होटल से लेकर हर जरूरी सामान की दुकान सजने से छोटे से गांव में मेला लगने से लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है। प्रकृति के शांत वातावरण में स्थित हीरामन बाबा के मंदिर की याती अब दूर-दूर तक पहुंच चुकी है। यही कारण है कि यहां न केवल बीमारी से ग्रसित बल्कि हर चतुर्थी को दुकानदार भी मेले में दुकान लेकर आते हैं।

क्या कहते हैं लाभ पाने वाले लोग

कोलारस के निवासी एवं शासकीय शिक्षक मनोज कोली कहते हैं कि पिछले दो साल पहले मुझे भयंकर पीलिया रोग हो गया था एवं डॉक्टरों के पास एक महीने चक्कर लगाने के बाद जब मैँ लेवा गया तो वहॉं केवल बाबा के चबूतरें पर प्रसाद चड़ाया और परिक्रमा लगाई।

और कोई भी परहेज नही करना पडा पहले जो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ परन्तु कुछ ही दिनों में मेरा पीलिया रोग एक दम से ठीक होने लगा । और तब से मैं भी मानने लगा कि यह डॉ.हीरामन बाबा के दर्शन करने से ही पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

क्या कहते हैं जानकार

कोलारस तहसील में ग्राम लेवा में जो हारामन बाबा का स्थान है वह अपने आप में एक सिद्ध स्थान है मैं स्वयं पिछले कई बर्षों से देख रहा हूं कि पूरे श्रद्या एवं विश्वास से यहॉं आने वाले लोगों का महीनों पुराना पीलिया का रोग भी ठीक हो जाता है।

और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है कि यहॉं आकर केवल पीडि़त व्यक्ति को केवल बाबा के चबूतरे की परिक्रमा लगानी होती है और किसी भी प्रकार का परहेज करने की साफ मना ही कर दी जाती है ।
पंडित प्रेमनारायण भार्गव, ज्योतिषाचार्य कोलारस