शिवपुरी। मध्यप्रदेश की उद्योग एवं खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आज अचानक कोलारस के पड़ोरा भेड़ फार्म स्थित सायलो बैग सिस्टम द्वारा समर्थन मूल्य पर की जा रही गेंहूं खरीदी की स्थिति जानने लिए पहुंची परन्तु बताया गया है कि यह कार्यक्रम प्रशासन ने मैनेज कर लिया, यहां पर चार दिन पूर्व ही खरीद बंद हो चुकी थी और प्रशासन ने मंत्री महोदया को गलत फीडबेक दिया गया और सबकुछ प्रायोजित दिखाया गया।
विधायक एवं प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का दौरा सायलों केंद्र का दौरा अधिकारियों द्वारा मैनेज कर लिया गया था। सायलों केंद्र पर खरीद चार दिन पहले ही बंद हो चुकी थी और वहॉं पर पिछले कई दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों को वापस भी किया जा चुका था।
कोटा सोसायटी से बुलाए गये किसान जगतार सिंह एवं गुरविंदर सिंह तथा बरेठ सोसायटी के किसान प्रतापसिंह एवं घनश्याम सिंह गुर्जर ने बताया कि हम पहले भी तीन दिन सायलो केंद्र पर अपनी बारी के इंतजार में खड़े रहे बाद में पता चला कि यहॉं खरीद बंद हो गई और अब सोसायटियों पर खरीद की जाएगी परन्तु पिछले तीन दिनों से सोसायटी पर भी नंबर नहीं आया।
फिर आज पता चला कि पड़ोरा पर फिर से खरीद चालू हो गई है तो हम अपना गेहॅुं लेकर यहॉं आ गये मगर यहॉं आकर पता चला कि यहॉं तो केवल मंत्री जी को दिखाने के लिए केवल 10 ट्राली गेंहॅुं ही तौला जाएगा अब हमसे फिर से सोसायटियों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।
इससे एक बात तो स्पष्ट है कि प्रशासन ने मंत्री जी को दिखाने के लिए किसानों को भेड़ फार्म पर बुलाया था और मंत्री जी के जाने के बाद किसानों को फिर भगा दिया गया परन्तु प्रशासन की और से की गई व्यवस्थाऐं इतनी चाक चौवंद थीं कि कोई भी किसान सीधे जाकर अपनी फरयिाद मंत्री जी को नहीं सुना सका।
किसान खुद काम करते रहे किसी ने नहीं देखा
आमतौर पर किसानों को समर्थन मूल्य पर आने बाली परेशानियों ध्यान में रखते हुए शासन ने सायलो बैग कंपनी पनामा से तीन बर्ष पूर्व ये एग्रीमेंट किया था कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और कम समय में ही उनका गेंहॅुं तुल जाए। परन्तु पिछले दो सालों तक पनामा कंपनी ने अपना काम नियम व शर्तों के अनुसार सही किया परन्तु दो साल बाद पनामा कुपनी द्वारा काम बीच में ही छोड़ दिया और ये काम अब लेतम कुंपनी के द्वारा संचालित किया जाता है।
आज दोपहर जब प्रदेश की उद्योग मंत्री सायलो बैग के निरीक्षण के लिए भेड़ फार्म पहॅुची तो उन्हाने कुचनी के द्वारा काम किये जाने के सिस्टम को देखा और समझा भी साथ ही उन्होने कहा भी कि आगे और खरीद की जानी चाहिए परन्तु कंपनी द्वारा किए गए एग्रीमेंट का टारगेट पूरा हो जाने के कारण आगे खरीद संभव नहीं हो सकी ।
निरीक्षण के दौरान भी किसानों द्वारा चिलचिलाती धूप में अपने ट्रैक्टर से गेंहॅँु खाली किया जा रहा था और उसे मशीन में डाला जा रहा था जिस पर किसी भी अधिकारी या नेता की नजर नहीं गई जबकि शासन द्वारा कंपनी को किसानों से काम न कराना पड़े इसके लिए पर्याप्त राशि दी जाती है।