नपा में नेता प्रतिपक्ष नही बना पा रही है भाजपा

शिवपुरी। नगरपालिका परिषद में भारतीय जनता पार्टी किस गंभीरता या हल्केपन से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है इसका पता इस बात से चलता है कि छह माह बाद भी पार्टी नपा में अपने नेता का चयन नहीं कर पाई है।

यही कारण है कि नगरपालिका में भाजपा सत्तारूढ दल कांग्रेस पर नियंत्रण रखने में असफल हुई है। यह बात अलग है कि नपा में कांग्रेस की तुलना में भाजपा पार्षदों की सं या कहीं अधिक है। नपा में कांग्रेस के जहां महज 12 पार्षद जीतकर आये हैं, वहीं भाजपा पार्षदों की सं या 17 से अधिक है।


नगरपालिका शिवपुरी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष दोनों पदों पर कांग्रेस काबिज है। अध्यक्ष पद के सीधे चुनाव में जहां कांग्रेस को सफलता हासिल हुई, वहीं नगरपालिका में अल्पमत में होने के  बावजूद भाजपा पार्षदों की फूट का फायदा उठाकर कांग्रेस के अन्नी शर्मा उपाध्यक्ष बनने में सफल रहे।

भाजपा पार्षदों की खुलेआम लड़ाई अनेक मौकों पर उजागर हुई है। उपाध्यक्ष चुनाव में कई भाजपा पार्षदों पर संदेह की उंगली उठी हैं, वहीं कल तो दो भाजपा पार्षद विष्णु राठौर और डॉ. विजय खन्ना खुलकर एक-दूसरे के आमने सामने आ गये और दोनों के बीच जूतमपैजार की नौबत आ गई।

नपा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अनेक दावेदार हैं और किसी भी एक उ मीदवार के पक्ष में सर्वस मति नहीं उभर रही है। इस पद के दावेदारों का जहां तक सवाल है वार्ड क्र. 31 से जीते पंकज महाराज खुलकर इस पद की दौड़ में हैं। उनके नाम की पैरवी पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष सोनू बिरथरे कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए ही पंकज महाराज ने योजना कमेटी में प्रतिनिधि पद के लिए हुए चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया था, लेकिन पंकज महाराज की नियुक्ति पर यशोधरा राजे की सहमति मिल जायेगी इसमें संशय बना हुआ है।

यशोधरा खेमे से नेता प्रतिपक्ष के लिए सबसे मजबूत दावा पूर्व नपा उपाध्यक्ष भानू दुबे का है। भानू दुबे प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के खासे विश्वास पात्र हैं। उन्हें नपा उपाध्यक्ष का चुनाव भी लड़ाया गया था। यह बात अलग है कि भाजपा  पार्षदों के भितरघात के कारण वह जीत नहीं पाये, लेकिन इसके बाद भी नेता प्रतिपक्ष के लिए उनकी उ मीदवारी खासी मजबूत मानी जा रही है।

यशोधरा खेमे से नेता प्रतिपक्ष के लिए वार्ड क्र. 6 के पार्षद मनीष गर्ग का नाम भी लिया जा रहा है। मनीष भी यशोधरा राजे के काफी निकटस्थ हैं। खासबात यह है कि नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल पंकज महाराज, भानू दुबे और मनीष गर्ग मंजू लगातार दूसरी बार पार्षद बनने में सफल रहे हैं।

हालांकि भाजपा का एक वर्ग वार्ड क्र. 22 के पार्षद चंद्रकुमार बंसल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की पैरवी कर रहा है। श्री बंसल पहली बार पार्षद बने हैं, लेकिन अर्थबल से संपन्नता के कारण उनके नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है।

देखना यह है कि इन प्रमुख दावेदारों में से किसे और कब भाजपा आलाकमान द्वारा हरी झंडी मिलती है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष न होने से नगरपालिका में भाजपा पार्षद विपक्षी दल की भूमिका संयुक्त रूप से निभाने में असफल साबित हो रहे हैं।