शिवपुरी। कहने के लिए नगर पालिका अधिकारी एवं कर्मचारी बायदा कर रहे हैं मई माह तक हम सिंध जलावर्धन योजना के माध्यम से नलों की टोटियों से घरों तक पानी पहुंचा देंगे, लेकिन मार्च के अंतिम चरण में ही ये हालत दिख रहे हैं कि पांच-पांच दिन तक सिंध पेयजल सप्लाई नहीं आ रही हैं तो कैसे मान लें की मई माह में घरों तक टोटियों से पानी मिल जायेगा।
जबकि अभी तक गलियों में पाईप लाईन बिछाई नहीं गई हैं यहां तक की टंकियों तक जोडऩे का कार्य भी पूरा नहीं हुआ हैं ऐसे कैसे शहर की जनता पानी की समस्या से निजात मिल पाएगी। करौंदी संपबैल से अलग अलग दिनों में क्षेत्रवार पानी की सप्लाई होती है।
शनिवार को करौंदी कॉलोनी, वन विहार कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्रों में पानी की सप्लाई होनी थी, लेकिन जब पानी नहीं आया तो गुस्साए कॉलोनीवासी सब इंजीनियर करारे के निवास पर पहुंच गए। यहां पहुंचकर कॉलोनीवासियों ने मटके फोड़े और आक्रोशित निवासियों ने सब इंजीनियर से यहां तक कह दिया कि यदि वह काम नहीं कर पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें। चार दिन से पानी से परेशान लोगों ने पंप अटैण्डर की पिटाई कर दी।
पंप अटैण्डर पार्षद का रिश्तेदार बताया जाता है और वह लाइन खुलने में अपनी मनमर्जी चलाता है। वहीं सिंध की सप्लाई बंद होने से गांधी पार्क की पानी की टंकी, करौंदी संपबैल, कमलागंज की टंकी भर नहीं पा रही हैं। जिसके चलते उन इलाकों में जहां इन पानी की टंकियों से पेयजल सप्लाई होता है, जल संकट गहरा रहा है।
टयूबवैलों में भी जलस्तर नीचे जाने लगा है और कई टयूबवैल दम तोड़ चुके हैं। नपा सूत्र बताते हैं कि शहर के 650 से अधिक नलकूपों में अभी से 200 से अधिक नलकूपों में पानी कम हो गया है और ऐसी आशंका है कि आने वाले दिनों में यह नलकूप पानी देना बंद कर देंगे।
पार्षदों की घेराबंदी हुई शुरू
जलसंकट गहराने से पार्षदों की घेराबंदी भी शुरू हो गई है और जलसंकट से प्रभावित लोग पार्षदों के घरों तक पहुंचने लगे हैं तथा बहुत से पार्षद इससे किनारा करने लगे हैं। वार्ड 14 फतेहपुर में जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। पार्षद मीना सुधीर आर्य का कहना है कि उनके वार्ड में 16 नलकूप हैं जिनमें से 2 बंद हो चुके हैं और शेष नलकूपों में भी बहुत कम पानी रह गया है और लोग पानी की समस्या को लेकर उनके घर आ रहे हैं।
पार्षद विजय खन्ना का कहना है कि उनके वार्ड में 8 नलकूप हैं जिनमें पानी बहुत कम हो गया है अभी तक टैंकर चालू नहीं हुए हैं। पार्षद पति पप्पू गुप्ता का कहना है कि उनके वार्ड में जलसंकट गहरा रहा है, लेकिन नगरपालिका के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे।
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