थेक्यू कलेक्टर! अहसास होने लगा कि आप शिवपुरी को टूरिस्ट सिटी बना देगें

शिवपुरी। आपका और हमारा शहर शिवपुरी जिसे प्रकृति के सौंदर्य के कारण पर्यटन नगरी का नाम तो मिला, लेकिन पिछले दो दशक में पर्यटकों को छोडि़ए हमें ही कभी यह अहसास नहीं हुआ कि हमारा शहर वाकई कोई शहर है। जिन पर्यटक स्थलों के बूते इसे यह नाम देने की जद्दोजहद की जा रही थी। उन्हीं को संवारने की न जाने क्यों किसी ने सुध नहीं ली। 

लेकिन चंद महीनों में शिवपुरी को वाकई टूरिस्ट सिटी बनाने की जिद को धरातल पर साकार करने का प्रयास कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने जिस ढंग से शुरू किया है उसे देखकर पर्यटक नगरी नाम पर ही तंज कसने वालों को भी अब कहीं न कहीं लगने लगा है कि इस आगाज का अंजाम सार्थक होगा। 

फिलहाल छोटे से कार्यकाल में कलेक्टर श्रीवास्तव ने बिना किसी ढिंढोरे और बड़े-बड़े दावों के पर्यटन नगरी के नाम को सार्थक करने की मुहिम शुरू की है फिर चाहे बात भदैयाकुण्ड की हो या टूरिस्ट वेलकम सेंटर की। छोटी-छोटी कार्य योजनाओं के बूते शहर से सटे पर्यटन स्थलों को वाकई पर्यटकों की अपेक्षाओं पर खरा उतारने के लिए जो शुरूआत हुई है। 

वे आरोपों और उपेक्षाओं से परे अब सराहनीय सी लगने लगीं हैं। निश्चिततौर पर वर्षों अनदेखी की शिकार पर्यटन नगरी को पलभर में यह रूप लौटाना असंभव है, लेकिन कलेक्टर के प्रयासों में इस नगरी को यह तमगा लौटाने की जो जिद नजर आ रही है उससे आवाम की उ मीदें एकबार फिर बढ़ गई हैं।

तस्वीर बदलने यूं शुरू की मुहिम
कलेक्टर श्रीवास्तव ने पर्यटन नगरी के लिए सबसे पहले अंचल के दूरदराज के पर्यटक स्थलों की बजाय शहर और उससे सटे पर्यटन स्थलों को संवारने का खाका तैयार किया है। कोतवाली रोड को थीम रोड के रूप में विकसित करना इस मुहिम का पहला पायदान रहा और ये रोड अब लाल पत्थर के फुटपाथ व डिवाइडर से सजकर आकर्षित भी लगने लगी है। 

दूसरी शुरूआत अपने कार्यालय परिसर से की जहां मुख्य द्वार पर शहर के ही कलाकारों से तैयार करवाई गईं कलाकृतियों ने कलेक्ट्रेट की ऐसी तस्वीर तैयार कर दी है जिन्हें देखकर लगता है कि वाकई हम पर्यटन नगरी में हैं। हालांकि शहर में सभी सडक़ों का निर्माण होने तक चुनौतियां बहुत हैं। दूसरी योजना शहर के हृदय स्थल माधवचौक चौराहे से पर्यटक स्थल छत्री भदैयाकुण्ड तक जाने वाली महत्वपूर्ण सडक़ को भी थीम रोड के रूप में विकसित करने की है। 

हाल ही में माधवचौक चौराहे के सौंदर्यीकरण को लेकर भी रूपरेखा तैयार कर ली गई है तो वहीं शहीद तात्याटोपे स्मारक पार्क को थीम पार्क का रूप देने की कवायद शुरू कर दी गई है। ह तेभर पहले शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल भदैयाकुण्ड को सालभर पर्यटकों से आबाद करने के लिए साउण्ड सिस्टम के बीच झरना 12 महीने चलाने की योजना भी इसी कवायद का हिस्सा है।

निर्माण के बाद से उपेक्षा का शिकार बने रहे टूरिस्ट वेलकम सेंटर को फिर से आबाद करने के लिए पहली बार यहां सात दिवसीय उत्साह 2017 नाम से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसके पहले ही दिन किए गए लोकनृत्य की प्रस्तुति को सराहना मिली है। ऐसे में एक के बाद एक कलेक्टर किए जा रहे प्रयासों ने लोगों के मन में पर्यटन नगरी का स्वरूप लौटने की उ मीद को बलबती किया है।