जनसुनवाई का धमाका: तहसीलदार पर विभागीय जांच, आरआई सस्पैंड, रीडर को अर्थिक दंड

शिवपुरी। कल तक जो जनसुनवाई कलसुनवाई के नाम से जानी जाने लगी थी। कलेक्टर बदलने पर जनसुनवाई अब कलसुनवाई नही रही। जनसुनवाई मेे आए एक मामले में कलेक्टर शिवपुरी ने जांच करते हुए, प्रभारी तहसीलदार पर विभागीय जांच के आदेश इसी मामले में आरआई को सस्पैंड और तहसीलदार के रीडर के 3 वेतन वृद्विया रोकने के आदेश दिए है। 

बताया जा रहा है कि खनियाधाना के प्रभारी तहसीलदार योगेन्द्र बाबू शुक्ला ने नियम विरूद्व एक किसान की जमीन को अपने बेटे के नाम कर दिया इसी तहसीलदार के इसी काले काम में साथ दिया था प्रभारी आर आई रघुराम भगत और तहसीदार के रीडर योगेन्द्र जैन ने साथ दिया था। कलेक्टर शिवपुरी ने जांच उपरांत इन तीनो को दंडित किया है। इसमें से प्रभारी तहसीदार इसी दिसंबर में रिटायर्ड होने वाले है। 

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को 20 दिस बर 2016 को आयोजित जनसुनवाई के दौरान खनियांधाना निवासी आशाराम पुत्र ग्यासिया ने आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि ग्राम नोहरा पटवारी हल्का न बर 31 राजस्व निरीक्षक वृत खनियांधाना के खसरा क्रमांक 346, रकबा 4.470 हेक्टेयर पर आशाराम पुत्र ग्यासिया के अलावा भाई, माता एवं बहन के नाम दर्ज है और वे काबिज होकर खेती करते है। लेकिन प्रभारी तहसीलदार खनियांधाना द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से उक्त भूमि पर सेवालाल, वृजभान, हरीराम, कोमल पुत्रगण कुंभराज पाल के नाम दर्ज कर दी गई थी।

कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उक्त प्रकरण का अभिलेख अवलोकन उपरांत पाया गया कि उक्त भूमि पर आवेदक व अन्य का नामांतरण उनके पिता ग्यासिया की मृत्यु होने पर 24 फरवरी 2007 को हुआ है। प्रभारी तहसीलदार के समक्ष सेवालाल बगैरह द्वारा भू.राजस्व संहिता की धारा 109-110 का आवेदन प्रस्तुत किया गया।

जिसमें कहा गया कि उक्त भूमि जिसके पुराने खसरा न बर 227, 278, 279 थे। जो 03 सित बर 1981 को ग्यासिया से क्रय की गई थी। उक्त विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण की मांग की गई। उक्त प्रकरण में प्रभारी तहसीलदार श्री शुक्ला द्वारा 05 दिस बर 2016 को आदेश पारित कर नामांतरण स्वीकार किया गया, क्योंकि आवेदक के पास पंजीकृत विक्रय पत्र है तथा अनावेदकगण द्वारा भूमि के संबंध में कोई बैध नामांतरण पंजी व बैध दस्तावेज पंजी नही किए गए।

लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि नामांतरित सेवालाल बगैरह ने 15 दिस बर 2016 को पंजीकृत विक्रय पत्र द्वारा उक्त भूमि का 1 बाटा 2 हिस्सा वेदान्त पुत्र योगेन्द्र बाबू शुक्ला तथा मीरा पत्नि रामराजा पाल के नाम से संयुक्त रूप से विक्रय कर दिया। वेदान्त शुक्ला प्रभारी तहसीलदार योगेन्द्र बाबू शुक्ला का पुत्र है। 

प्रभारी तहसीलदार द्वारा उक्त नामांतरण आदेश 05 दिस बर 2016 को किया गया। जिसकी अपील अनुविभागीय अधिकारी पिछोर के समक्ष प्रस्तुत की गई और प्रभारी तहसीलदार द्वारा 09 दिस बर 2016 को इस आदेश को भू.राजस्व संहिता की धारा 44 के तहत स्थगित कर दिया गया। इसके बाद भी उक्त भूमि 15 दिस बर 2016 को प्रभारी तहसीलदार के पुत्र के नाम क्रय की गई।