जलावर्धन से सुप्रीम कोर्ट का अडंगा खत्म,लेकिन...

शिवपुरी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल पार्क से होकर निकाले जाने वाली मड़ीखेड़ा पेयजल परियोजना को लाइफ लाइन दे दी। कोर्ट के नए आदेश के तहत अब सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी यह तय करेगी कि नेशनल पार्क से पाइप लाइन निकालने के लिए 470 पेड़ों को काटा जाना है अथवा नहीं। 

मामले में नपा का कहना है कि 21 जनवरी 2015 को वो पहले ही सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से परमिशन ले चुकें हैं। इसलिए अब ये अनुमति मात्र एक औपचारिकता भर है। 

इस मामले में एक अच्छी खबर ये भी कि ईएनसी प्रभाकांत कटारे अब दोशियान से काम कराने के राजी हो गए हैं। उन्होंने शिवपुरी नगर पालिका से परिषद उसे एक प्रस्ताव मांगा है कि वो अब तक हुई सारी कार्रवाई के तहत फिर से एक प्रस्ताव बना कर भेजे। 

जिसे वे पास का काम शुरु कराएंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुमति लेने के लिए ये परियोजना दो सालों से इंतजार कर रही थी। इसके चलते प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी भी काम छोड़ कर भाग चुकी थी। 
                              
ये कहा कोर्ट ने 
जनहित के इस मामले में ये निर्णय सेंट्रल एमपॉवर कमेटी करेगी। उसी को ये तय करना है कि नेशनल पार्क से पेडों को काटते हुए लाइन निकालनी है अथवा नहीं। इसलिए इस संबंध में सेंट्रल एमपॉवर कमेटी ही फैसला करे।