शिवपुरी-घर-परिवार और समाज के साथ-साथ कदमताल मिलकर चलने वाली महिलाऐं आज हर क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही है और वह ना केवल स्वयं शिक्षित होती है बल्कि एक साथ दो घरों को भी शिक्षित करती है।
ऐसी ही शिक्षा की धनी है शिवपुरी कलारबाग निवासी स्व.रामजी लाल चौकसे एडवोकेट की पुत्रवधू श्रीमती हेमलता(हिमांशी) पत्नि प्रदीप चौकसे जिन्होंने विवाह पूर्व अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया तो विवाहोपरांत मुरैना से शिवपुरी आकर अपनी सास-ससुर श्रीमती मोहिनी-रामजी लाल चौकसे की प्रेरणा से इस बहू ने आज अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पीएचडी की उपाधि हासिल कर ली है।
हेमलता(हिंमाशी) वर्ष 2006 से सामाजिक विज्ञान के भूगोल विषय पर जनांकिकीय विशेषताऐं एवं सामाजिक आर्थिक विकास पर अपने मार्गदर्शक डॉ.विशम्भर प्रसाद सती के निर्देशन में शोध किया और कड़ी मेहनत, लगनशीलता के चलते गत कुछ समय पूर्व उन्हें इस विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई।
हिमांशी ने बताया कि इस कार्य के लिए वह प्रेरणादायी सास-ससुर के अलावा अपने माता-पिता भगवानदास-श्रीमती नारायणी शिवहरे के साथ-साथ अपने बड़े भाई जगदीश, छोटे भाई शैलेन्द्र व विशेष सहयोगी छोटे भाई मोहन शिवहरे के अमिट सहयोग के प्रति कृतज्ञ है जिनके द्वारा यह लक्ष्य पाया जा सका।
हिमांशी के अनुसार वर्ष 2005 में उन्हें जीव विज्ञान के प्रो.दिनेश शर्मा अपने साथ पीजी कॉलेज में तत्समय शिक्षण ड्यूटी के लिए ले गए थे तभी यह विचार आया और अपनी छूटी हुई शिक्षा को आगे जारी रखने के लिए सास-ससुर से आर्शीवाद लिया जिसके परिणाम स्वरूप आज हेमलता(हिमांशी) को पीएचडी की उपाधि हासिल हुई और वह सामान्य महिला से डॉक्टर की उपाधि पा सकी।
हिमांशी का एक पुत्र मंत्र चौकसे उम्र 5 वर्ष व एक पुत्री सौम्या 13 वर्ष है साथ ही पति व्यवसाय में कार्यरत है। हिमांशी की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देने वालों में राजेन्द्र चौकसे, संगीता चौकसे, डॉ.महेन्द्र चौकसे, पिंकी मेवाड़, बल्ले स्वामी ने हर्ष व्यक्त करते हुए अपनी शुभकामनाऐं दी है।
हिमांशी का एक पुत्र मंत्र चौकसे उम्र 5 वर्ष व एक पुत्री सौम्या 13 वर्ष है साथ ही पति व्यवसाय में कार्यरत है। हिमांशी की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देने वालों में राजेन्द्र चौकसे, संगीता चौकसे, डॉ.महेन्द्र चौकसे, पिंकी मेवाड़, बल्ले स्वामी ने हर्ष व्यक्त करते हुए अपनी शुभकामनाऐं दी है।