सेन्ट्रल डेस्क
शिवपुरी में आज दो एतिहासिक काम हुए जो दर्ज किए जाने योग्य हैं। पहला यूनीसेफ के अधिकारी शिवपुरी पहुंचे और उन्होंने एक गांव में बन रहे शोचालयों का जायजा लिया और दूसरा आज जनसुनवाई जैसा महत्वपूर्ण आयोजन बिना कलेक्टर की उपस्थिति के ही सम्पन्न हो गया।
कलेक्टर महोदय के लिए शायद पहला काम एतिहासिक था, शायद इतना एतिहासिक कि यूनीसेफ के अधिकारियों को लेकर वे न केवल खुद गांव तक गए बल्कि अपने साथ जिला पंचायत के सीईओ एवं एसडीएम को भी ले गए, अब जब तीनों प्रमुख अधिकारी ही मुख्यालय पर नहीं थे तो सारा का सारा प्रायोजित मीडिया सेंटर भी कलेक्टर के साथ ही हो लिया और शाम होते होते एक गांव में बन रहे शौचालयों की जानकारी कुछ इस तरह परोसी गई जैसे सभी कष्टों को दूर करने का इंतजाम कर दिया गया हो।
उधर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण आयोजन को अपर कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के सहारे छोड़ दिया गया। पूरे 233 लोग हाथ में आवेदन लिए उन अधिकारियों का इंतजार करते रहे जो कि निर्णय करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन न तो कलेक्टर उपस्थित थे और न ही कोई और। मध्यप्रदेश शासन का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जिसके सहारे प्रदेश सरकार जनता में अपनी अच्छी छवि बनाने का प्रयास कर रही है, औपचारिक बनकर रह गया। आवेदन लिए गए और लोगों को चलता कर दिया गया।
उधर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण आयोजन को अपर कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के सहारे छोड़ दिया गया। पूरे 233 लोग हाथ में आवेदन लिए उन अधिकारियों का इंतजार करते रहे जो कि निर्णय करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन न तो कलेक्टर उपस्थित थे और न ही कोई और। मध्यप्रदेश शासन का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जिसके सहारे प्रदेश सरकार जनता में अपनी अच्छी छवि बनाने का प्रयास कर रही है, औपचारिक बनकर रह गया। आवेदन लिए गए और लोगों को चलता कर दिया गया।