शिवपुरी। खबर जिले के पोहरी विधानसभा से की है। जहां होने बाले विधानसभा चुनाव में अभी तक मामला कांग्रेस, भाजपा और बसपा के बीच तय माना जा रहा था। लेकिन अब यह मामला चार प्रत्याशीयों में आकर टिक गया है। पोहरी विधानसभा से कोई भी दिग्गज ब्राह्मण उम्मीदवार न होने से हाथी और किसी प्रमुख दल के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन इसी बीच खबर आई कि पोहरी की राजनीति में हलचल मचाने अपने समाज को साध कर विवेक पालीवाल चुनाव मैदान में है।
वैसे तो पोहरी में अगर राजनीति की बात करें तो यहां मुकाबला हमेशा जातिगत समीकरणो पर होता आया है। अगर कांग्रेस किसी धाकड समुदाय के उम्मीदवार पर दाव आजमाती तो फिर भाजपा से ब्राह्मण उम्मीदवार सामने आता रहा है। परंतु इस बार दोनों ही पार्टीयों ने अपने अपने दाब बदलते हुए ब्राह्मण समाज को दरकिनार कर मुकाबला धाकड वरसेज धाकड करने का निर्णय लिया।
इस गणित का सीधा फायदा बसपा के प्रत्याशी कैलाश कुशवाह को होता दिख रहा था। कि ब्राह्मण मतदाता किसी भी कभी भी धाकड प्रत्याशी को वोट नही करते, वही जहां ब्राहम्मण समाज जाता है उसके पीछे कई जातिया अपना मत निर्धारित करती हैं। यह गणित कैलाश कुशवाह के लिए प्लस पोईंट माना जा रहा था। लेकिन इसी बीच नांमाकन के आखिरी दिन खबर आई कि ब्राह्मण समाज को एकजुट कर विवेक पालीवाल निर्दलीय मैदान में आ गये है। विवेक के मैदान में आते ही राजनीतिक गलियारों में उथल पुथल मच गई। अब यहां चुनाव का समीकरण बदलकर चौतरफा हो गया है। अब यह चुनाव किस करवट बैठता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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