कोलारस। पूरनखेड़ी टोल पर विवादों को एक बार फिर हवा मिलने लगी है बताया जाता है की यहां एक बार फिर ट्रकों को ओवरलोड के नाम पर परेशान किया जा रहा है और उनसे ओवरलोड के नाम पर मोटी रकम मांगी जा रही है। रविवार को ऐसे ही एक मामला सामने आया जहां दो ट्रक चालको ने पूरनखेड़ी टोल संचालको पर अंडरलोड ट्रक को ओवरलोड बताकर ओवरलोड के नाम पर मोटी रकम की मांग कर डाली और ट्रक को टोल पर खड़ा कर दिया और ओवरलोड के नाम पर जब ट्रक चालक सेंसर द्वारा बताये जा रहे वजन से संतुष्ठ नही हुआ तो ट्रक चालक ने विरोध किया तो टोल प्रबंधक एकत्रित होकर ट्रक चालकों पर दबाब बनाने लगे।
ट्रक चालक ने कहा की हम पिछले तीन टोल गुना, रूठियाई, व्यावरा पार करके आ रहे है वहां किसी ने हमें ओवर लोड के लिए नही रोका लेकिन यहां ओवर लोड क्यूं बता रहा है। जिसके बाद मामला बिगड़ता देख ट्रक चालकों ने किसी अन्य कांटो पर तुलवाने की मांग की जैसे ही ट्रक क्रमांक यूपी 78 डीटी 1655 टोल पर बने कांटे पर पहुंचा तो कांटे तक जाने वाली इरकॉन कंपनी द्वारा बनाई गई घटिया सडक़ में धंसक गया।
जिसे बमुश्किल करीब 3 घंटे की मशक्क के बाद शिवपुरी से आई क्रेन ने निकाला। ऐसे ही दूसरा ट्रक आरजे 05 जेबी 2993 जो रायपुर से जयपुर जा रहा था उसके चालक ने भी कहा की इस टोल से पहले भी हमें कई टोल मिले लेकिन किसी ने हमें नही रोका यहां हमें पिछले दो घंटे से खड़ा कर रखा है ट्रक फंसने की बजह से जबकी हम कंपनी से ही बिल्टी और बजन कराकर चलते है हमारा ट्रक अंडर लोड है।
कैसे होती है वसूली -
सूत्रो द्वारा पता चला है की पूरनखेड़ी टोल पर लोड चैक करने के लिए सेंसर लगाए गए है जो की अनुमानित बजन बताते है जो की ट्रक के वजन से ज्यादा निकल जाता है सेंसर द्वारा बताने पर ट्रक चालक पर ओवर लोड के चालान के रूप में मोटी रकम की मांग की जाती है। जो ट्रक टोल चालक अकेला होने के चलते टोल प्रबंधक ओवरलोड का दबाब बनाया जाता है। अगर वह दबाब में आजात है तो उसपे ओवरलोड का चालान काट दिया जाता है जों ट्रक चालक वाहन अंडरलोड होने पर विरोध करता है तो उसे ज्यादा बात बिगडऩे पर अन्य कांटे पर तोल कराया जाता है कांटे पर तोल में ज्यादातर वाहन सेंसर के द्वारा बताए गए बजन से कम निकलते है।
Social Plugin