फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के मामले में जांच के बाद कोतवाली पुलिस को दिए FIR के निर्देश

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शिवपुरी। जिले में विशेष आदिम जनजाति (सहरिया, बैगा एवं भारिया) पटवारी भर्ती हेतु वर्ष 2018 में 23 आवेदकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया गया था। कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता द्वारा उक्त आवेदनों की जांच किए जाने हेतु गठित पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा आज आवेदकों के दस्तावेजों की जांच एवं काउन्सलिंग के दौरान कमेटी के सदस्यों की सर्तकर्ता के कारण दो आवेदकों के जाति प्रमाण-पत्र प्रथम दृष्टि में फर्जी पाए जाने के कारण एक प्रकरण में पुलिस कोतवाली शिवपुरी में आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। 

डिप्टी कलेक्टर एवं समिति के सदस्य आर.ए.प्रजापति ने बताया कि आवेदक सूरज जगनेरी पुत्र राजेन्द्र जगनेरी निवासी जाटव मोहल्ला, मुरैना गांव तहसील मुरैना द्वारा स्वयं अनुसूचित जाति का होने के बावजूद उनके द्वारा ऑनलाईन जाति प्रमाण-पत्र में विशेष तकनीकी का उपयोग कर सहरिया जाति आदिवासी का फर्जी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया। जाति प्रमाण-पत्र की जांच के दौरान कमेटी ने उससे कड़ाई से पूछताछ की और ऑनलाईन जाति प्रमाण-पत्र जाटव जाति का पाया गया।

इसी प्रकार पूनम भगत पुत्री सुरेश भगत द्वारा ग्राम सेहशारी तहसील गिर्द जिला ग्वालियर का जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया। उसमें भगत उपनाम के संबंध में पूछताछ करने पर पता लगा कि ऊराव जनजाति छत्तीसगढ़ में भगत सरनेम का उपयोग करते है। 

जांच में पाया गया कि मनीष भगत पुत्री सुरेश राम भगत और इनकी सभी बहिनों के जाति प्रमाण-पत्र एक ही तारीख में ग्वालियर से ऊराव जाति का जारी किया गया है, इनकी जांच हेतु कलेक्टर ग्वालियर को भेजी गई है। 

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