शिवपुरी। शहर के ईदगाह झांसी रोड़ स्थित नगर पालिका की जमीन पर अवैध रूप से एक समुदाय विशेष के लोगों ने दीवार की आड़ लेकर खुले रूप से दुकानों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था जिसकी जानकारी जैसे ही स्थानीय जागरूक नागरिकों को लगी तो उन्होंने तत्काल आनन फानन में एक शिकायती आवेदन के माध्यम से जिलाधीश से शिकायत की जिस पर जिलाधीश ने तत्काल तहसीलदार को बोला और तहसीलदार एवं पटवारी की रिपोर्ट पर से नगर पालिका ने अतिक्रमण में बनी दुकानों को नपा ने अधिपत्य में लेने का प्रयास किया, वैसे ही मामले की अपील एसडीएम कोर्ट में कर दी। लेकिन इस अतिक्रमण की दुकानों पर जाने एकाएक ऐसा क्या हुआ कि सीएमओ और एसडीएम दोनों ने ही पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। आखिरकार इन दुकानों के अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है।
शहर के ईदगाह झांसी रोड पर नगर पालिका की जमीन पर कब्जा कर बनाई दुकानों को नपा ने अपने अधिपत्य में लेने का प्रयास किया,वैसे ही यह मामला एसडीएम कोर्ट में पहुंच गया। मामले में शिवपुरी तहसीलदार ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें बनाने पर 4.69 लाख का जुर्माना लगाया और सभी दुकानें आधिपत्य में लेने के लिए नगर पालिका को आदेश दिए थे, लेकिन नगर पालिका ने इन दुकानों जाने क्योंकि अपने अधिपत्य में नहीं लिया। नगर पालिका के आधिपत्य में लेने से पहले ही मामले में एसडीएम शिवपुरी के यहां अपील कर दी है। दुकानों से बेदखल होने के बाद हाफिज इरशाद अहमद कादरी निवासी पुरानी शिवपुरी ने दुकानें पुरानी बताईं हैं। जिनकी मरम्मत करा रहे थे।
ईदगाह स्थित रोड किनारे बाउंड्रीवाल की आढ़ में पीछे दुकानों का निर्माण चल रहा था। जब बाउंड्रीवाल हटाकर शटर लगाने का काम शुरू हुआ तो प्रशासन हरकत में आया। पटवारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार शिवपुरी ने सितंबर 2018 में आदेश दिया जिसमें अतिक्रमित भूमि का बाजारू मूल्य 93 लाख 87 हजार रुपए आंका। इसी के आधार पर पांच प्रतिशत यानी 4 लाख 69 हजार 350 रुपए अर्थदंड हाफिज कादरी पर अधिरोपित किया। वहीं नपा सीएमओ को आदेश दिए कि अतिक्रमित सरकारी जमीन पर मौके पर बनी बाउंड्रीवाल व दुकानें नगर पालिका शिवपुरी की सुपुर्दी में ली जाएं।
नगर पालिका ने आधिपत्य छोडऩे संबंधित को विधिक लेटर जारी किया। लेकिन उससे पहले ही एसडीएम कार्यालय में मामले की अपील कर दी। शिवपुरी एसडीएम प्रदीप तोमर का कहना है कि प्रकरण में पूरी जांच पड़ताल के बाद फैसला लेंगे। बताया जाता है कि इस मामले की वक्फ बोर्ड भोपाल में भी शिकायत की गई है। जहां से राजस्व विभाग के दो अधिकारियों को सोमवार को बुलाया गया है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामले को क्यों दवाने का प्रयास किया जा रहा हैं। जबकि दूसरी ओर अन्य जगह प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोलारस एवं बदरवास में तत्काल अतिक्रमण को हटाया जा रहा हैं।
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