
इस रेस्क्यू के दौरान हेलीकॉप्टर ने पांच लोगों को लिफ्ट किया और लेकर ग्वालियर चला गया। उसके बाद बाकी के लोग हेलीकॉप्टर का इंतजार करते रह गए परंतु हेलीकॉप्टर लौटकर नही आया। सबसे चौकाने बाली बात यह कि हेलीकॉप्टर जाने के लगभग 3 घण्टे तक तो प्रशासन भी हेलीकॉप्टर का इंतजार करता रहा परंतु जब लगभग 10 बजे तक हेलीकॉप्टर नहीं आया तो फिर प्रशासन मुंह लटकाकर बैठा रहा।
यह सब हुआ प्रशासन के डुलमुल रवैये के चलते। जिसके चलते प्रशासन न तो सेना के हेलीकॉप्टर के संपर्क में था। न ही उन्होनें हेलीकॉप्टर को पास में कही उतारने का कोई प्रयास किया। जो हेलीकॉप्टर यहां से पांच लोगों को लिफ्ट कर इन्हें उतारने के लिए ग्वालियर चला गया। जब तक लौटकर आता अंधेरा हो चुका था। अगर प्रशासन प्रयास करता तो उक्त हेलीकॉप्टर को फोरलेन पर भी लेंड करा सकता था परंतु ऐसा नहीं किया गया।
चलो कोई बात नहीं उसके बाद पानी भी बांढ में फंसे लोगों पर मेहरबान हो गया और बारिश बंद हो गई। प्रशासन पानी उतरने का इंतजार करता रहा लेकिन कर कुछ भी नहीं पा रहा था। पूरा प्रशासन मौके पर खड़ा था। रेस्क्यू दल भी खड़ा था परंतु कोई भी पानी में उतरने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था। रात्रि के लगभग 2 बज गए परंतु प्रशासन सिर्फ तमाशबीन बना खड़ा रहा। होमगार्ड सहित और भी रेस्क्यू दल सिर्फ तमाशबीन बनकर खड़े रहे।
तभी 40 जिंदगीयों के लिए भगवान बनकर मोहना के ही तीन ग्रामीण पानी में उतरे और इन लोगों को सकुशल बाहर निकाल लाए परंतु फिर भी प्रशासन सिर्फ तमाशबीन बना रहा। हम यहां बात इसलिए कर रहे है क्योंकि बीते रोज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच नौजवानों में से चार को भोपाल बुलाकर सीएम हाउस में सम्मानित किया। इसके साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें पांच-पांच लाख रूपए की राशि देकर सम्मानित किया।
परंतु सबसे चौकाने बाली बात यह सामने आई कि इस रेस्क्यू के दौरान तमाशबीन बने कुछ चार पुलिसकर्मीयो और 3 एसडीआरएफ की टीम के सदस्यों को भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया। इस दौरान गौर करने वाली बात यह है कि जिनकी गलती के चलते उक्त हादसा हुआ उन्हें ही सीएम शिवराज सिंह चौहान सम्मानित कर रहे है। अगर इस वॉटर फॉल पर पुलिस व्यवस्था पहले से ही तैनात होती तो 9 लोगों की जान नहीं जाती। परंतु 9 लोगों की जान जाने के बाद भी उक्त घटना के लिए अप्रत्यक्ष रूप से दोषीयों पर कार्यवाही की बजाए उन्हें सम्मानित किया गया है। जो पानी में उतरने से डरते रहे।
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