
उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने बताया कि नपा में 375 पंप अटेंडर पदस्थ है,जिनमें से केवल 75 ही काम करते है। मैने सभी पंप अटेंडरो कीे सत्यापन की मांग की है जिससे यह पता चलेगा कि कौन पंप अटेंडर कहां काम करता है। शहर में ऐसे ट्यूबैल भी हो तो वर्षो से ड्राय घोषित हो चुके है, लेकिन वहां पंप अटेंडर पदस्थ है और उसका वेतन भी हर माह निकल रहा है।
कुल मिलाकर शहर को बर्बाद करने में नपा के जिम्मेदार पीछे नही है,इसमें प्रशासनिक अधिकारी भी पीछे नही है। इससे पहले नपा में हुई पंप अटेंडरों की हुई भर्ती की शिकायत 2 साल पूर्व प्रशासन के पास पहुंची थी तो तत्कालीन एडीएम नीतू माथुर ने इस प्रकरण की जांच शुरू की थी।
लेकिन इस जांच का क्या हुआ, किसी को पता नही है। पूरे 2 साल निकल जाने के बाद भी इस जांच का परिणाम नही आया है। अगर उक्त जांच समय पर हो जाती तो नपा में पंप अंटेडंरो के रूप में दिया जाने वाला 22 लाख रू वेतन में कटौती हो सकती थी।