हिरणवन कोठी डकैती मामले में केपी सिंह बरी

0
शिवपुरी। पिछोर विधायक केपी सिंह ग्वालियर के बहुचर्चित हिरणवन कोठी डकैती मामले में बरी कर दिए गए हैं। उनके साथ सभी 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस हाई प्रोफाइल केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया भी आरोपी थे। जबकि उनके समर्थकों में केपी सिंह, अशोक शर्मा, अमर सिंह भोसले, बाल खाडे, रवि भदोरिया, उदयवीर, अरुण तोमर, राजेंद्र तोमर, रमेश शर्मा, के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सिपहसालार सरदार संभाजी राव आंग्रे विवादित हिरण वन कोठी में रहते थे। संभाजी की बेटी चित्रलेखा आंग्रे ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि 13 अगस्त 1983 को जब राजमाता विजयाराजे सिंधिया और सरदार संभाजी राव आंग्रे शहर से बाहर थे। तब  माधवराव सिंधिया अपने समर्थकों के साथ आए और कोठी पर कब्जा कर लिया। सरदार आंग्रे की बेटी चित्रलेखा ने एक निजी इस्तगासे पर सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले में गवाह के रूप में पूर्व सांसद नारायण कृष्ण शेजवलकर, पूर्व मंत्री शीतला सहाय, पूर्व महापौर माधव शंकर इंदापुर कर खुद संभाजी राव आंग्रे गवाह थे जो 35 साल तक चले इस मामले के दौरान एक-एक कर चल बसे।

जय विलास पैलेस के परिसर में स्थित इस कोठी में 2004 में रिसीवर नियुक्त किए गए थे, तभी से यथा स्थिति में यह कोठी है। सिंधिया समर्थकों ने इस मामले में 2004 में 14 दिन की जेल भी काटी है। खास बात यह है कि बरी हुए आरोपी अब चित्रलेखा आंग्रे के खिलाफ मानहानि का  दावा करने का मन बना रहे हैं। क्योंकि इस 35 साल के दौरान कई लोग युवा से बुजुर्गों की श्रेणी में आ चुके हैं, वह विदेश की यात्रा भी नहीं कर सकते थे क्योंकि उनके पासपोर्ट न्यायालय में जब्त थे।

इस मामले में जो गवाह गवाह पेश भी हुए उन्होंने आरोपियों को पहचानने से इंकार कर दिया था। जबकि जिस चित्रलेखा आंग्रे की याचिका पर यह मामला दर्ज किया गया था, वह खुद भी कोर्ट में पेश नहीं हुई।

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!