पंचायतों में कमीशनखोरी के मर्ज से दम तोड़ती योजनाएं, कागजों में ही लग गए लाखों के पेड़

राहुल शर्मा, कोलारस। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था कायम होते ही ग्रामीणों ने सोचा था कि अब गांवों में सरकार बन जाने से विकास की गंगा बहेगी, लेकिन हुआ एक दम उल्टा। केन्द्र एवं राज्य सरकार अब तक कोलारस के गांवों के विकास के लिए करोड़ों रूपए व्यय कर चुकी हैं लेकिन कोलारस के गांवों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यहां इतनी धनराशि खर्चा की गई होगी। 

आलम यह है कि कोलारस जनपद की पंचायतों में करोड़ों रूपए के विकास कार्यों की आड़ में जमकर इतना भ्रष्टाचार किया गया कि दो दर्जन ग्राम पंचायतों में निर्माण व विकास कार्य अधूरे ही पड़े हुए हैं। जो बने भी हैं उनमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है लेकिन कोलारस जनपद में व्याप्त कमीशनखोरी के कारण भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है। 

कोलारस का यह दुर्भाग्य ही है कि जनता के सेवक पदों पर बैठे जनप्रतिनधि व अधिकारी मालामाल हो रहे हैं, उनकी नई-नई फोर व्हीलर कारें दरबाजों की शोभा बढ़ा रही हैं और गरीब जनता के लोग मजदूरी के लिए दर-दर भटक फिर रहे हैं। कोलारस जनपद में कमीशनखोरी का मर्ज बढऩे से शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं कागज में दम तोड़ती नजर आ रही है।

कागजों पर लग गए लाखों के पौधे
कोलारस की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2017 जुलाई में पौधारोपण किया गया था, आदेश के अनुसार प्रति पंचायत तीन से चार लाख रूपए दिए गए लेकिन पंचायतों में पौधारोपण महज कागजों में दर्शाकर शासन की योजना को पलीता लगाने के साथ ही धनराशि का बंदरवॉट किया गया। सूत्रों के अनुसार पंचायतों में जिन स्थानों पर पौधारोपण वृक्षारोपण दर्शाया गया है वहां समतल मैदान है तो कुछ पंचायतों में पांच प्रतिशत भी पौधे नहीं लगाए गए। कोलारस जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत चकरा, राई, सिंघराई, मोहरा, अटामानपुर, तेंदुआ, मकरारा, अटारा, पहाड़ी, पचावली, इमलावदी, देहरदा सडक, अनंतपुर, लुकवासा, धुंवा, बसाई, सेसईखुर्द, किशनपुर, अटरूनी, रांछी, भाठी में वर्ष 2010-11 में भाी पैधारोपण कार्य करने के लिए प्रत्येक पंचायत को राशि आवंटित की गई थी लेकिन अधिकतर पंचायतों ने आवंटित राशि का दुरूपयोग कर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया। 

यही नहीं कागजों में पौधों के लिए खाद्य, पानी और चौकीदार की व्यवस्था भी की गई जिसमें खाद्य, पानी और सुरक्षा पर भारी खर्चा दर्शाया गया। कोलारस जनपद पंचायत में यह पौधारोपण मात्र कागजों में शोभायमान है। जनपद पंचायत की सीईओ द्वारा अधूरे पड़े निर्माण कार्य सहित अन्य अनियमितताओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अपात्रों के बने जॉबकार्ड व कागज पर खुदे कुंए
कोलारस की पंचायतों में महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार के मामले भी थमते नजर नहीं आ रहे हैं। 2 फरवरी 2006 को लागू की गई इस योजना का उद्देश्य था कि मजदूरों को अपने ही गांव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और कथित सरपंच-सचिवों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा कराए जा रहे हैं, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है तालाव के कार्य मशीनों से हो रहे हैं। इस कारण गरीब परिवार काम के लिए अनयत्र पलायन के लिए मजबूर हो जाते हैं। 

कार्य पड़े अधूरे पर निकल गया भुगतान
ग्राम पंचायत पचावला में स्कूल भवन का कार्य अधूरा पड़ा है। छत नहीं डली और मेनरोड से गांव के भीतर तक रोड बिछाई है उसमें जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं एवं सडक़ समतल नहीं है, खरंजे भी अधूरे हैं, इमलावदी पंचायत मेेंं उल्टी गंगा बह रही है। 10 लाख की लागत से स्कूल की बिल्डिंग बनी पर काम पूरा नहीं हुआ और भुगतान निकल गया, इमलावदी में खरंजे अधूरे डले हैं। राई पंचायत की गलियों में भयंकर गंदगी व्याप्त है, राई के ग्रामीणों का कहना है कि जिस मंशा के साथ सरपंच को बोट दिए थे वह जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। 

राई पंचायत में शासन की धनराशि का दुरूपयोग करने के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं लेकिन जनपद पंचायत कोलारस में बैठे पंचायत इंस्पेक्टर से लेकर सीईओ की आंखों पर ऐसा धुंधला चश्मा चढ़ा हुआ है कि उन्हें राई पंचायत में हो रहे सरकारी धन के दुरूपयोग के मामले नजर नहीं आ रहे हैं, यही प्रमुख कारण है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को जमकर पलीता लगाया जा रहा है। 

यहां कागजों में खुद गए कुए
जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तेंदुआ में कागज पर कुंए खोदे गए। मामला अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। हरिजन-आदिवासियों के लिए आवंटित कुटीरों का काम अधूरा पड़ा है। चकरा ग्राम पंचायत में पिछले पांच साल में निर्माण व विकास कार्यों में जमकर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया। सडक़ से लेकर खरंजा, स्कूल भवन निर्माण, खरंजा आदि विकास कार्यों में सचिव ने अपने हित साधे हैं। 

पंचायतों को चिन्हित कर जांच कराएगें: एसडीएम
कोलारस अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप सिंह तोमर ने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। संबधित ग्राम पंचायतों में हुए निर्माण कार्यो की जांच कराएगेें। उस दौरान जिन पंचायतों में अनिमित्ताऐं पाई गई एवं बिना निर्माण कराए शासकीय धनराशि का दुरूपयोग किया गया है तो दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर शासकीय धनराशि की वसूली कराएगें।