SHIVPURI की सडकों पर 20 हजार रामभक्तों का सैलाब, रामधुन में झूमी शिव की नगरी

शिवपुरी। आज रामनवमी के दिन हिन्दु उत्सव समिति द्वारा हिन्दूओ के आराध्य देव भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में शिव की पुरी में रामभक्तो का सैलाब देखने का मिला, 1 किमी मीटर से भी अधिक लम्बी इस शोभा यात्रा में लगभग 20 हजार रामभक्तों ने भाग लिया। इस विशाल शोभा यात्रा को शहर ने भी अपनी हथेली पर लिया। जैसा कि विदित है कि पिछले 1 माह से हिन्दू उत्सव समिति इस आयोजन को सफल बनाने के लिए लगातार बैठके कर तैयारी कर रही थी। हर गली मोहल्ले में डोर टू डोर संपर्क किया जा रहा था। इसी तैयारी का नतीजा रहा की आज रामनवमी के दिन इस यात्रा ने इतना विशाल रूप ले लिया। शहर के हर हाथ और हर मकान पर भगवा और हर दिल में प्रभु श्रीराम थे। 

अपने निर्धारित समय से गांधी पार्क से शोभायात्रा शुरू हुई,इस शोभा यात्रा में भैरो बाबा उत्सव समिति ने एक विशाल धनुष सहित भगवान राम सहित सबसे आगे चल रहे थे। इस यात्रा में शहर के लगभग 1 दर्जन बैंड और डीजे बज रहे थे। यात्रा में सबसे पीछे भगवान राम की 15 फुट की विशाल प्रतिमा भी थी,इसके अतिरक्त इस शोभा यात्रा में महापुरूषो सहित हिन्दू आरध्य देवो की झांकिया भी शमिल हुई। इस यात्रा में शहर के साथ ग्रामीण अंचल से आए रामभक्तो ने भाग लिया। इस शोभा यात्रा में लगभग 20 हजार लोगो ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराई। और सभी लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। 

शहर ने लिया शोभायात्रा को सिर ऑखो पर 

भगवान राम की इस शोभा यात्रा के स्वागत के लिए शहर वासियो ने भी सिर माथे पर लिया। शोभा यात्रा पर फूलो की बरसात मशीनो के द्वारा की गई,लेकिन सबसे विशेष बात यह रही कि शहर की महिलाओ ने अपने घरो से भी पुष्पवर्षा की। शहर की कई समास सेवी संस्थाओ और सगठनों ने इस यात्रा का अभूतपूर्व स्वागत किया,किसी ने पानी पिलाया और किसी ने सब्जी पूडी,शरबत,हलुआ का वितरण किया। 

इन जगहों से निकली शोभायात्रा 
आज रामनवमी की शोभायात्रा गांधी पार्क से प्रारंभ हुई हंसबिल्डिंग,न्यू ब्लॉक ओबीसी चौराहा, भैरों बाबा मंदिर,14 नंबर कोठी, माधब चौक से निकलकर मुख्य चौराहा, उसके बाद गुरूद्वारा चौराहा से पुरानी शिवपुरी, नीलगर चौराहा होते हुए काली माई मंदिर से झांसी तिराहा होते हुए गुरूद्वारा से राजेश्वरी रोड़ होते हुए जिला चिकित्सालय के सामने से होते हुए नगर पालिका के सामने तात्याटोपे प्रांगण में जाकर समाप्त हुई।