जिस घर में भगवत पूजा नहीं, वह घर शमशान के समान है: साध्वी डॉ. विश्वेश्वरी देवी

0
शिवपुरी। हनुमान जी कहते हैं कि जिसके हृदय में भक्ति नहीं है वो शव के समान है। ठीक ऐसे ही लंका में घर-घर में हनुमान जी ने देखा कि घर तो बड़े सुंदर हैं, पर कहीं देव पूजा नहीं है इसलिए ये सब शमशान के बराबर हैं इसलिए हनुमान जी ने सोचा ऐसे घरों को जला देने में ही भलाई है, उक्त बात गांधी पार्क में आयोजित संगीतमय श्रीरामकथा के पांचवे दिन परमपूज्य साध्वी डॉ. विश्वेश्वरी देवी द्वारा श्रीराम कथा का वाचन करते हुए कही। 

साध्वी जी ने कहा कि जिस घर में भगवत पूजा नहीं होती उस घर को शमशान के समान कहा गया है। आजकल तो अधिकांश जगहों पर देखा जाता है कि घर में पूजा का कार्य महिलाओं के सौंप दिया गया है जैसे मंदिरों पर जाना, पूजा करना। कई लोगों को कहते देखा जाता है कि धर्म का कार्य उनकी धर्म पत्नि करती है, हमारे पास समय नहीं है।

कभी कहते हैं कि पत्नी बहुत धर्म करती है उसी में से आधा हमें मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है। साध्वी जी ने कहा कि भोजन तुम अलग-अलग करो जब धर्म की बारी आई तो कहते हो कि पत्नी के में से आधा मिल जाएगा, ऐसे कैसे संभव है? साध्वी जी ने कहा कि अपने हाथों से रामजी की पूजा जरूर करना चाहिए।

सेवा पूजा एक क्रिया ही न बन जाए यह ध्यान देना रखना चाहिए, लेकिन हमारे साथ यही हो रहा है हमने पूजा को सिर्फ एक क्रिया बना लिया है। क्योंकि आजकल लोग मंदिर जाते हैं जल्दी-जल्दी पुष्प चढ़ाया, अगरबत्ती चलाई और चल दिए, लेकिन ऐसी पूजा में भावना, मन का अभाव रहता है।

ऐसी पूजा का कोई मतलब नहीं निकलता। ऐसी पूजा के लिए तो आजकल बाजार में यंत्र आ गए हैं जो राम-राम, कृष्णा-कृष्णा जैसे मंत्रों के उच्चारण करते रहते हैं। हमारे जाप में प्रेम नहीं है, विश्वास नहीं है तो क्रिया करने से कोई फायदा नहीं है। यहां बताना होगा कि कथा प्रतिदिन दोपहर साढे 12 बजे से प्रारंभ होकर शाम 5 बजे तक चल रही है। ट्रस्ट से जुड़े अशोक तिवारी, कपिल सहगल, राजेश गुप्ता ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में श्रीराम कथा में पहुंचकर धर्म लाभ लें। 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!