सर्वे के दौरान शिवराज को पता चला, यशोधरा के बिना कुछ नहीं हो पाएगा

भोपाल। शिवपुरी के यशोधरा राजे सिंधिया विरोधियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कोलारस चुनाव के संदर्भ में आश्वस्त कर रखा था कि वो बिना यशोधरा के यह चुनावी आसानी से जीत जाएंगे लेकिन जब किसान सम्मेलन के बहाने सीएम शिवराज सिंह बदरवास आए और फिर आसपास के गांव में चौपालें लगाईं तो उन्हे समझ आया कि यहां भाजपा नेताओं को सूपड़ा ही साफ है। अंतत: उन्होंने अब कोलारस चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया को चेहरा बनाने का फैसला कर लिया है। बदरवास किसान सम्मेलन में यशोधरा राजे सिंधिया को आमंत्रित तक नहीं किया गया था और सेसई में होने वाले सहरिया सम्मेलन में यशोधरा राजे फेस आॅफ द केंपेन होंगी। 

बदरवास में हुए भावांतर भुगतान योजना किसान समारोह में यशोधरा राजे सिंधिया को आमंत्रित ही नहीं किया गया था। बाद में जब असलियत सामने आई तो बात संभालने के लिए एक प्रायोजित प्रश्न करवाया गया और सीएम शिवराज सिंह ने इसका सुनियोजित जवाब दिया। भाजपाई विचारधारा वाले पत्रकार ने शिवपुरी विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के मौजूद नहीं रहने पर CM से उनकी नाराजगी की वजह पूछी गई। फिर शिवराज सिंह ने इसे नकार दिया। सीएम शिवराज ने कहा कि यशोधरा राजे हमारी स्टार प्रचारक हैं, और समय आने पर वो ही कोलारस उप चुनाव के लिए कैंपेन को लीड करेंगीं, और मेरी गैर मौजूदगी में कमान उन्हीं को संभालनी है।

दरअसल सीएम शिवराज सिंह जानते हैं कि कोलारस उप चुनाव फतह करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस गढ़ में सेंध लगानी होगी। सीएम यह भी जानते हैं कि यदि उन्होंने पूरी चुनावी कमान अपने हाथ में ले ली तो यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन जाएगा। 2018 विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। कोलारस और मुंगावली के नतीजे 2018 को प्रभावित करेंगे। जनता में जो होगा वो बाद की बात है, संगठन में अपनी मजबूती बनाए रखने के लिए कोलारस और मुंगावली में किरकिरी होने से बचाना जरूरी है। 

शायद यही कारण है कि सीएम शिवराज सिंह ने रणनीति बनाई है कि कोलारस में सिंधिया विरुद्ध सिंधिया के हालात पैदा कर दिए जाएं। यदि यशोधरा राजे सिंधिया पूरे मन से कोलारस को जिताने के लिए उतर आईं तो शिवराज सिंह दोनों स्थितियों में फायदे में रहेंगे। भाजपा जीती तो लाभ होगा ही लेकिन यदि हार गई तो ठीकरा यशोधरा राजे के सिर फोड़ दिया जाएगा।