
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार राकेश लोधी की मौत हृदयाघात से हुई है जबकि अन्य सूत्रों का कथन है कि मृत्यु संदिग्ध है। यह तनाव के कारण सुसाइड भी हो सकता है। पिछोर टीआई के अनुसार वह श्री लोधी की मौत के कारण की जांच कर रहे हैं और सुनिश्चित रूप से यह नहीं कह सकते कि राकेश लोधी की मौत का कारण क्या है? पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार युवा नेता राकेश लोधी विधायक बनने के फेर में कई पार्टियों में घूम आए थे, लेकिन उनकी विधायक बनने की हसरत पूर्ण नहीं हो पाई। हालांकि वह जिला पंचायत सदस्य अवश्य बनने में सफल रहे। विधायक बनने के लिए पिछोर विधायक केपी सिंह से भी उनका काफी समय तक छत्तीस का आंकड़ा रहा, लेकिन बाद में विधायक केपी सिंह से उनका समन्वय स्थापित हो गया। श्री लोधी पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ था।
हाल ही में लगभग 6 माह पूर्व वह उस समय चर्चा में आए थे जब पिछोर विधायक केपी सिंह से मिलने वह पिछोर के डाक बंगले गए थे, लेकिन जब विधायक के गनर ने उन्हें रोका तो उनका गनर से विवाद हुआ और इस विवाद में उनकी जमकर धुनाई हुई और राकेश लोधी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। इसके बाद बताया जाता है कि वह अवसाद में चले गए थे।