
आरोपी ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पुत्री तथा पुत्र को एक षड्यंत्र के तहत बाल कल्याण समिति और महिला सशक्ति करण विभाग के अधिकारियों ने फंसाया है। क्योंकि हम माधव बालगृह में उनके नियम विरूद्ध कार्यो को करने के लिए तैयार नहीं थे।
अभिभाषक तिवारी के निवास स्थान पर जब आरोपी से पूछा गया कि मेडीकल रिपोर्ट में बालिकाओं के साथ दुष्कर्र्म की पुष्टि हुर्ई है तो उसका कहना था कि उक्त बालिकायें नारी निकेतन से आर्ई हैं और पहले से ही शादी शुदा हैं। कुछ के साथ पूर्र्व में दुष्कर्म हो चुका है। ऐसे में मेडीकल रिपोर्ट का क्या अर्थ।
जहां तक मेरे द्वारा बलात्कार किए जाने का सवाल हैं तो मेरा मेडीकल करा लिया जाए। मैं स्त्री संसर्ग में असमर्थ हूं और मेरी उम्र 75 वर्र्ष है। जब आरोपी से पूछा गया कि उसके कमरे से शराब की बोतलें बरामद हुर्ई है? इस पर उसने स्वीकार किया कि उक्त वोतलें उसी की हैं, लेकिन सात-आठ वर्ष पुरानी हैं। उस दौरान उसके साथी हरिवल्लभ शिवहरे, मदन शर्मा, डीके श्रीवास्तव और एक अन्य मित्र घर पर आया करते थे और वे शराब पीने के शौकीन थे।
उनके लिए शराब की बोतलें घर में रखी हुई थी। ताश की गड्डियां भी इसी लिए घर में मिली हैं क्योंकि हम दोस्त उस दौरान ताश खेला करते थे। जब उससे पूछा गया कि बालिकाओं ने मारपीट का आरोप लगाया है तो उसका कहना था कि बच्चों को पटरी पर लाने के लिए मारपीट कोई अपराध नहीं है, लेकिन अनावश्यक रूप से मारपीट करने का आरोप गलत है।