
जैसा कि विदित है कि नेशनल हाईवे पर सतनवाड़ा से पहले करीब 14 किमी में गहरे गड्ढे हैं। यहां फोरलेन निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका है। इस कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है और हादसे का खतरा भी बना हुआ है।
24 सितंबर 16 को लोकोपयोगी कोर्ट में विजय तिवारी ने इस मामले में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उन्हें 22 अक्टूबर को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था, लेकिन जब वे नहीं हाजिर हुईं तो उन्हें जमानती वारंट से तलब किया गया। चूंकि इसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी होने का खतरा था, इसलिए शनिवार को डायरेक्टर प्रतिभा गुप्ता कोर्ट पहुंच गईं।
कोर्ट में अपनी एनचएआई की डारेक्टर प्रतिभा गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि में 21 दिनों में सडको पर हो रहे गढडे भरवा दुंगी और सडक को वाहनो के चलने लायक बना दिया जाऐगा। हालाकि कोर्ट प्रतिभा गुप्ता की इस दलील पर संतुष्ट नही हुआ।
न्यायाधीश डीपीएस गौर ने डायरे1टर से कहा कि जब आप अगली पेशी पर आएं तो सडक़ को दुरुस्त कराने के वीडियो व फोटोग्राफ लेकर आएं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता अभिभाषक विजय तिवारी से भी वीडियो व फोटोग्राफ लाने के लिए कहाए ताकि दोनों के वीडियो को देखकर यह साफ हो सके कि काम पूरा हुआ भी है या नहीं।