विद्युतकर्मियों के करंट से झुलसा अस्पताल: डॉक्टर हडताल पर, प्लांट था हंगामा

शिवपुरी। आज सुबह शहर के आरके परम में विद्युल कर्मियो को उस समय कंरट लग गया था जब वह 11वीं की लाईन पर काम कर रहे थे। उनको उचित ईलाज और ग्वालियर रेफर में देरी के कारण अस्पताल में विद्युत विभाग और डॉक्टरो में धक्का-मुक्की और झड़प की खबरे आ रही है। इससे गुस्साए डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। 

जानकारी के अनुसार आज सुबह बिजली विभाग के लाईन मैन श्यामलाल पुत्र लक्ष्मण यादव और महेन्द्र कुशवाह पुत्र चतुरी सिंह को 11केवीं की लाईन पर काम करते समय अचानक करेंट लग गया था। तत्काल उन्है जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां डॉक्टरो ने उनकी गंभीर हालत देख ग्वालियर रैफर कर दिया गया।

रैफर करने के बाद 108 को कॉल किया तो उसने 5 मिनिट में जिला चिकित्सालय पहुॅचने का आश्वासन दिया। लेकिन एक घंटे बाद भी जब ए बूलेंस नहीं पहुंची तो घायल कर्मचारियों के परिजनों ने प्राईवेट वाहन कर दोनों को ग्वालियर रवाना किया। इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल प्रबंधन की लापरबाही ने विद्युत विभाग के अधिकारीयों को आक्रोशित कर दिया जिसपर विद्युत विभाग के जेई और अन्य कर्मचारीयों ने जमकर हंगामा किया। 

यह घटनाक्रम बड़ी मुस्किल से शांत हुआ कि तभी प्रायवेट  कार में बार्ड वाय को ग्वालियर ले जाने को लेकर फिर हगांमा प्रारंभ हो गया। अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि विद्युत विभाग के कर्मचारी बार्ड वाय को जबरदस्ती कार में डाल कर ले गये। 

इस घटनाक्रम से डॉक्टर लाभवंद हो गये और ओपीडी को बंद करके हडताल पर चले गये। सभी डॉक्टरों ने एक जुट होकर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को ज्ञापन सौपा और डॉक्टरों के पास मौजूद रामबाण डॉक्टर प्रोटेक्सन एक्ट के तहत कार्यवाही करने और आरोपीयों को गिर तार करने की मांग की। साथ ही धमकी दी कि अगर आरोपी गिर तार नहीं हुए तब तक इमरजैंसी को छोड़ सभी डॉक्टर हडताल पर रहेगे। 

डॉक्टरों के हडताल पर चले जाने से जिला चिकित्सालय में स्वास्थ व्यवस्थायें चरमरा गई। लोग बूरी तरह से त्रस्त होते दिखाई दिये। सभी डॉक्टरों ने एकजुट होकर कोतवाली पुलिस को विद्युत विभाग के एई संजीव पाण्डे और सबइंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज कराने का प्रयास किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पूछताछ की तो सामने आया कि मारपीट नही हुई बल्कि धक्का मुक्की का मामला सामने आने की बात कही है। 

पुलिस ने डॉक्टरों के आवेदन को लेकर मामले की जांच में जुट गई है। बताया गया है कि उक्त डॉक्टर अक्सर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते है मरीजों के साथ अभद्रता करते है और कोई भी मरीज अगर कुछ भी बोलता है तो उसे डॉक्टर प्रोटेक्सन एक्ट की कार्यवाही की धमकी देते है।

एम्बूलेंस में समय पर ऑक्सीजन की व्यवस्था न किए जाने से भी आक्रोश उभरा, लेकिन बाद में ऑक्सीजन सिलेण्डर रखकर वाहनों को ग्वालियर के लिए रवाना किया गया। 

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बताया जा रहा है कि उक्त दोनो लाईन मैन परमिट लेकर काम कर रहे थे तभी अचानक लाईन में हजारो केबी का करंट दौड गया। जिससे वह बुरी तरह झुलस गए। लाईन अचानक कैसे चालू हुई इस पर अन्य लाईन मैनो व घायल हुए लाईन मैनो के परिजन विद्युत विभाग के ऑफिसो पर हंगामा नही कर दे इस कारण ही बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने अस्पताल में इस हंगामे को प्लांट करा दिया।