कोलारस। विगत 2 सितंबर से खेरे वाले हनुमान मंदिर पर युवराज भूदेवाचार्य जी महाराज द्वारा भक्तिमय भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। इसी तारत य में विगत दिवस मंगलवार को श्री राम जानकी मंदिर पर अभिषेक का आयोजन किया गया। सुबह होते ही सभी भक्तगणों का राम मंदिर पर सेंकड़ों की सं या में जमावाड़ा देखने को मिला। मंदिर पर झालरिया पीठाधीश्वर श्री घनश्यामाचार्यजी एवं युवराज श्री भूदेवाचार्यजी द्वारा दक्षिण भारत की धार्मिक प्रथा परंपरा अनुसार मंत्रों की उच्चारण के साथ रामजानकी का भव्य अभिषेक किया गया।
इस अवसर पर कोलारस सहित आसपार के अंचल के सभी भक्तगणों ने ठाकुर जी के अभिषेक के दर्शन कर स्वयं को पुण्यभागी अनुभव किया। अभिषेक के बाद रामजानकी की भव्य साज सज्जा कर भक्तों ने दर्शन लाभ लिये। इसके बाद दोपहर 2 बजे से भागवत कथा का भावपूर्ण वाचन भूदेवाचार्यजी द्वारा करते हुए श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का सुर य वर्णन किया गया।
इस अवसर पर नंद नंदन श्याम द्वारा गोपीकाओं के चीर हरण का आध्यात्मिक वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ठाकुर जी चीर हरण कर मनुष्य के अज्ञानता रूपी बस़्त्रों को उतारकर दिव्य ज्ञान का उदय करते है। जब यह दिव्य ज्ञान मनुष्य के मन में उदय हो जाता है तो उसकी मति विमल होकर नारायण के भजन में लग जाती है।
वही गौमाता के महत्व को उजागर करते हुए व्यास पीठ से युवराज जी ने कहा कि गौमाता के लिये श्री कृष्ण ने मथुरा को छोडक़र अलग से वृन्दावन धाम का निर्माण किया। इस गौधाम में गिर्राजधरण ने कभी भी चप्पलें नहीं पहनी क्योंकि इस धाम मे ंगौमाता का वास होने से इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है। इसी बीच झालरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री घनश्यामाचार्यजी ने धर्म मंच पर पहुंचकर भक्तों को अभिभूत कर दिया। साथ ही महाराज ने अपने आर्शीवच देकर वहॉ उपस्थित हजारों भक्तों को कृतार्थ किया।
महाराज ने कहा कि झालरिया पीठ द्वारा संख चक्र की दीक्षा लेने के बाद मनुष्य के सभी पूर्व पापकर्म नष्ट हो जाते है साथ हि उन्होंने इस बात को भी पूरे विश्वास के साथ भक्तगणों से कहा कि दीक्षा लेने के बाद जो गुरू के आदेशानुसार मं़़़त्रों का जाप कर मन से कपट त्याग कर उचित तरीके से रहते हुए भगवत भजन में लग जाता है तो उसे बैकुण्ठ का रास्ता साफ हो जाता है । इसी तारत य युवराज महाराज द्वारा बुधवार को भी हजारों जनों को कथा स्थल पर दीक्षा प्रदान की गई।
साथ ही बुधवार को भगवान के कल्याण उत्सव का आयोजन भी रखा गया। इस कल्याण उत्सव को जो भी अपने आंखों से द ेागा उसे हजारों अश्वमेघ यज्ञों का फल प्राप्त होगा। ज्ञात हो कि इस प्रकार के विलक्षण धार्मिक उत्सव दक्षिण भारत में पूर्ण जोर शोर से मनाये जाते है यह पहली वार है जब झालरिया पीठाधीश्वर के आशीर्वाद से इस प्रकार के भव्य एवं भक्तिभावना से ओत प्रोत आध्यात्मिक आयोजन कोलारस में किये जा रहे है।
मंगलवार को महाराज घनश्यामचार्यजी द्वारा कथा में पूर्ण निष्ठा से लगे हुए प्रशासनिक अमले का एवं समाजसेवियों का अभिनंदन कराया। वहीं झालरिया पीठाधीश्वर घनश्यामाचार्य जी महाराज एवं युवराज भूदेवाचार्य जी के अभिनंदन के लिये कोलारस के समस्त भक्तगणों की ओर से अभिनंदन के लिये रामजी व्यास को मंच पर आमं़ित्रत किया गया। रामजी व्यास द्वारा महाराज एवं युवराज का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए अभिनंदन वाचन में कहा कि गुरू की कृपा हजारों जन्मों के बाद मनुष्य को प्राप्त होती है।
मनुष्य को वर्षो तक प्रयास करने के बाद भी सदगुरू नही मिल पाते यह कोलारस वासियों का सौभाग्य है कि जन्म लेने के साथ ही उन्हे घनश्यामाचार्य जी जैसे महाराज का आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है अंत में सभी कोलारस वासियों का एवं कथा के आयोजक श्रीरामदालमिल परिवार का इस भव्य आयोजन के लिये आभार व्यक्त किया।
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