शिव की नगरी में धूमधाम से निकली भगवान राम की बारात

शिवपुरी। बडे हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर रामकथा का रसपान चल रहा है। राम कथा कि आयोजन में भगवान राम की बरात हनुमान मंदिर माधवचौक से डीजे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर निकाली, श्रीराम बारात में श्रद्धालुजनो ने नाच-गाकर ईश्वरीय भक्ति की। 

इस दौरान बारात में भगवान श्रीराम-जानकी की मनमोहक झांकी ने आमजन का मन मोहा और पूरे मार्ग मे पुष्प वर्षा व अनेकों पेय पदार्थों के साथ श्रीराम बारात का स्वागत नगरवासियो ने किया। श्रीराम बारात में भव्य भगवान की झांकी व महाहमण्डलेश्वर पुरूषोत्तमदास जी महाराज भी विराजमान होकर धर्मप्रेमीजनों को आर्शीवाद दे रहे। नाचते-गाते हुए यह बारात कथा प्रसंग पर जब श्रीराम विवाह आया तो कथा स्थल पर आतिशबाजी, पुष्पवर्षा के साथ बारात का स्वागत किया गया। 

इसी कार्यक्रम के अतंर्गत बडे की धूमधाम से बैड बाजो और नगाडो से भगवान राम की बरात निकाली गई जो माधव चौक से चलकर तुलसी आश्रम पहुंची। इस बारात का शहर वासियो ने तहेदिल से किया गया। 

राम कथा में सुप्रसिद्ध श्रीरामकथा मर्मज्ञ साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि संसार मे जिसने मर्यादा के पुरूषार्थ को बनाए रखा और मर्यादा में रहकर अपने जीवन को सर्वस्व समर्पित कर अन्य लोगों को पे्रेरणा दी ऐसी मर्यादा को बनाए रखने वाले ही भगवान श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए। 

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श, उनकी नीति और उनके पदचिह्नों पर चलने वाले संसारी प्राणी भी अपना कल्याण कर सकते है बशर्तें वह धन, लोभ, मोह, माया और संसारिक भोग-विलासिता से दूर रहकर ईश्वरीय ज्ञान को ग्रहण करें यदि ऐसा हो जाए तो संसार का कोई भी पदार्थ ऐसा नहीं है जो मनुष्य को मोक्ष के मार्ग से अवरूद्ध कर दें इसलिए प्रभु के बताए मार्गों पर चलकर अपने जीवन को कृतार्थ करें। 

इस दौरान कथा प्रारंभ से पूर्व महामण्डलेश्वर महंत पुरूषोत्तमदास जी महाराज का पूजन कथ यजमान श्रीमती रूकमणी शिवहरे व उनके पुत्र-पुत्रवधु अवधेश-श्रीमती शिल्पा शिवहरे परिवार द्वारा किया गया। तत्पश्चाम श्रीराम बारात नगर के माधवचौक स्थित हनुमान मंदिर से निकाली गई।