
लेकिन यह सब हुआ जिसमें उसे अब बारिश से बचने जहां छांव के रूप में छत मिली तो वहीं बारिश से मकान ढह ना जाए इसके लिए उसका पूरा पक्का भवन बनकर तैयार हो गया।
यह सब काम किया गरीब, बेसहारा लोगों की जीवनदायनी बनी सफा बैतुलमाल संस्था ने जिसने एक मिसाल पेश कर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने का काम किया है कि हर कोई गरीब-निर्धनों की सेवा करे तो इससे बड़ा सबाब (पुण्य) और कुछ नहीं है।
इन्हीं पंक्तियों के बीच सफाबैतुलमाल संस्था के जब इस कार्य को अन्य लोगों ने देखा तो जात-पात और धर्म से उठकर लोग आगे आए जिसमें हिन्दू और मुस्लिम धर्मावलंबियों ने इस गरीब परिवार को अपना आशियाना तैयार करके दिया जिसमें प्रीति ने अपने मासूम दो पुत्र और दो पुत्रियों के साथ निवासरत है।
सफा बैतुलमाल संस्था की इस अभिनव पहल पर सभी ने बढ़-चढक़र सहयोग प्रदान किया जिसमें हिन्दू-मुस्लिम धर्मावलंबी भी शामिल थे इस सहयोग के प्रति सैफ बैतुलमाल संस्था ने सभी के प्रति आभार जताया है।