चट्टान फाड कर प्रकट हुई बालारी मैया, राजा नल का नेजा चढता है सर्वप्रथम

निशा राठौर/शिवपुरी। शहर से 30 किमो दूर नेशनल पार्क की सीमा में मां बलारी के दरबार में आज शुरू हो गया है। बताया जाता है कि मां की मूर्ति चट्टान को फाड कर प्रकट हुई थी। सप्तमी को मां के दरवार में नेजे चढाए जाते है और मां बलारी पर सबसे पहले नरवर के राजा नल का ही नेजा चढाया जाएगा और इस नेजे को नरवर निवासी बडी धूमधाम से नरवर से सैकडो भक्त 30 किमी की पैदल यात्रा कर लाते है।

नेशनल पार्क के बियावान जंगल में 1 हजार पूर्व प्रकाट्य हुई मां बलारी मां बलारी पर चैत्र के नवराात्रि पर मां के दरबार में नेजे चढाने का रिवाज है,और यह प्रथा मां के प्रकाट्य से ही चली आ रही है,और यह प्रथा आज भी अनवरत जारी है,और इस प्रथा में सबसे पहले मां के दरवार में राजा नल का नेजा चढाया जाता है,और इसी क्रम में सप्तमी के दिन  सबसे पहले नरवर से राजा नल का नेजा ही सबसे पहले चढाया जाऐगां।

छठी और सप्तमी के दिन मां के दरवार में इस बियावान जंगल में मेला भरता है,इस दोनो दिनो में क्या बच्चा,क्या बूढा,महिलाओ सहित पैदल और अपने वाहनो से मां के दरबार में पहुचते है। इस मेले में जिस व्यक्ति की मन्नत पूरी होती है वह पैदल ही मां के दरबार में जाता है।

बताया गया है कि मां की मूर्ति राजा नल से समय की है और इसे पुरात्तव विभाग 1 हजार साल पुरानी मानता है,यह भी बताया गया है कि यह मां की प्रतिमा एक चट्टान का फ ाड कर प्रकट हुई है,और कुछ श्रद्वालु मां के इस प्रकाटय स्थल के दर्शन इस मंदिर से 2 किमी दूर अंदर जंगल में करने जाते है।