नपा के कर्णधारो को अपने अहम की चिंता ज्यादा, शहर की नही,परिषद की बैठक रदद

शिवुपरी। अब शिवपुरी नपा पालिका में जनमानस की हितो की लड़ाई नही अहम के हितो की लड़ाई लडी जा रही है। इसी अहम की लड़ाई के चलते आज परिषद की बैठक इस कारण रदद हो गई क्यो कि आज परिषद में उपस्थित पार्षदो की स ंया कम थी। और इसमे खास बात यह रही  कि वह पार्षद ही आज परिषद में नही थे जो परिषद बुलाने के लिए हाए तौबा मचा रहे थे। 

जानकारी के अनुसार  39 सदस्यीय सदन में नपा उपाध्यक्ष को बैठक के लिए परिषद में 13 पार्षदों की उपस्थिति आवश्यक थी, लेकिन आधा घंटे तक बैठक स्थगित करने के बाद परिषद में कुल 10 पार्षद ही आ सके। इनमें सात महिला पार्षद और दो पुरूष पार्षद थे। भाजपा के  साथ 21 पार्षदों और नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा के साथ उन सहित आठ कांग्रेसी पार्षदों ने परिषद की बैठक में अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराई। 

भाजपा पार्षद भानू दुबे और हरिओम नरवरिया ने अनुपस्थिति पर तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम यह सिद्ध करना चाहते हैं कि परिषद सर्वोपरि है न कि अध्यक्ष। आज की बैठक में अनुपस्थित रहकर हमने अध्यक्ष को उनके उस बयान का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अध्यक्ष हूं और मैं जो चाहूंगा वह नगरपालिका में होगा। 

वहीं नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा की प्रतिक्रिया और ज्यादा तीव्र है। उनका कहना है कि अध्यक्ष नगरपालिका को अपनी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी बनाना चाहते हैं जिसमें हम सहभागी नहीं बनेंगे। श्री शर्मा ने अध्यक्ष और उनकी टीम पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाये।

उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का अंदाज काफी आक्रामक रहा। नगरपालिका में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपने उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा पर हमला बोला। श्री शर्मा ने परिषद की बैठक एक फरवरी को आहुत की थी, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि नगरपालिका में अब सब मेरे हिसाब से चलेगा और उन्होंने बैठक की तारीख 1 फरवरी से बढ़ाकर 10 फरवरी कर दी।

बाद में मध्यस्थता के पश्चात यह तारीख आठ फरवरी हो गई। परिषद की बैठक सुचारू रूप से संपन्न हो जाए इसके लिए नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने पार्षदों के लिए बैठक से पूर्व भोज का आयोजन किया। जिसमें बड़ी सं या में कांग्रेस पार्षद उपाध्यक्ष सहित अनुपस्थित रहे। हालांकि इक्का दुक्का भाजपा पार्षदों की बैठक में उपस्थिति रही। 

लेकिन आज की बैठक में कोरम पूरा नहीं हो पायेगा। इसकी किसी को कानों-कान खबर भी नहीं हुई। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सोची समझी रणनीति के तहत नपाध्यक्ष को अलग-थलग करने के लिए उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा और भाजपा के नगर अध्यक्ष तथा पार्षद भानू दुबे के बीच प्रेम की पीगें बढ़ी। 

इसमें तय हुआ कि परिषद की बैठक में न तो भाजपा पार्षद जायेंगे और न ही बड़ी सं या में कांग्रेसी पार्षद। आज परिषद की बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू होनी थी। लेकिन आधा घंटा इंतजार करने के बाद कुल जमा आठ पार्षद ही बैठक में उपस्थित हुए। 

जिनके नाम हैं आकाश शर्मा, इस्माईल खां, मुन्नी अग्रवाल, वर्षा गुप्ता, शाईस्ता खांन, जरीना शाह, बैंजती देशबारी, ज्योति धाकड़। इनमें कागं्रेसी पार्षदों की सं या मात्र पांच है। लेकिन बैठक के लिए एक तिहाई पार्षदों अर्थात 13 पार्षदों की उपस्थिति आवश्यक थी। 

इस कारण मु य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार ने कोरम पूरा करने के लिए आधा घंटे के लिए बैठक स्थगित की। आधा घंटे पश्चात जब बैठक शुरू हुई तो उसमें दो अन्य महिला पार्षद श्रीमती मीना आर्य और श्रीमती मनीषा गुर्जर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 

आधा घंटे पश्चात बैठक शुरू होने के बाद मु य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 61 (2) के तहत जानकारी दी कि गणपूर्ति न होने पर सं िमलन को अगले दिन या किसी अन्य आगामी दिन के लिए स्थगित कर दिया जाएगा और इसके बाद स िमलन में गणपूर्ति आवश्यक नहीं है। इस धारा से अध्यक्ष खैमे में खुशी की लहर दौड़ गई और परिषद की बैठक कल 9 फरवरी को सुबह 11 बजे आहुत करने का निर्णय लिया गया। 

भाजपा और निर्दलीय 21 पार्षदों ने किया वहिष्कार
भाजपा और निर्दलीय 21 पार्षदों ने परिषद की बैठक का वहिष्कार किया इनके नाम हैं भानू दुबे, अरूण पंडित, विजय खन्ना, चन्द्रकुमार बंसल, लालजीत आदिवासी, श्रीमती रेखा परिहार, विष्णु राठौर, मनीष गर्ग मंजू, नीलम बघेल, सुरेन्द्र रजक, हरिओम नरवरिया, अनीता भार्गव, ममता शेजवार, पंकज महाराज, गौरव चौबे, किरण खटीक, राजकुमारी कुशवाह और मालती जैन।