
प्राप्त जानकारी के अनुसार उप निरीक्षक पाल पर आरोप है कि बलात्कार पीडि़ता अपने पति के साथ रिपोर्ट लिखाने जब चौकी पर गई तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई तथा पीडि़ता और उसके पति से उन्होंने दुव्र्यवहार किया। ऐसे में जब बीएसपाल को फिजीकल से हटाकर बैराड़ भेजा गया तो यह चर्चा चली कि उन्हें बलात्कार पीडि़ता के साथ दुव्र्यवहार करने की सजा मिली है।
लेकिन इससे बीएसपाल ने इन्कार किया है
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें किसी मामले में सजा नहीं मिली। बल्कि उनकी इच्छा पूर्ण हुई है। उन्होंने कहा है कि उनकी उम्र अधिक है। जिस कारण वह शिवपुरी में रहकर काम करने में परेशानी होती थी।
ऐसी स्थिति में उन्होंने पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी के समक्ष पूर्व में बैराड़ में पदस्थापना की गुहार लगाई थी। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें बैराड़ पहुंचाया है। उनका कहना है कि उनकी इस पद स्थापना को जिस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है वह गलत है। श्री पाल की बैराड़ में पदस्थापना के बाद बदरवास थाने से एसबी शर्मा को फिजीकल चौकी का प्रभार सौंपा गया है।