
एक वर्ष पूर्व में कोलारस के पूर्व थाना प्रभारी आर.के.एस. राठौर ने नगर के कबाडिय़ो की दुकानो को चिनहित कर हिदायत दी थी जिसके बाद कबाडिय़ो ने कुछ समय के लिए अपनी दुकाने बंद कर दी थी।
अधिक मुनाफा होने की बजह से कबाडिय़ो की आज तादात कई गुना बड़ गई है। इसलिए पंजियन न होने के बाद भी दुकान संचालक अपने कबाड़े के काम को बड़े दम से क्षेत्र में अंजाम दे रहे है।
कई बार मिल चुका है। चोरी का सामान
कुछ समय पूर्व में प्रशासन द्वारा छापामार कार्यवाही कर चोरी के माल के साथ दुकान संचालक पकड़े जा चुके है। लेकिन कई बार पकड़े जाने के बाद भी इनके कारोबार में कोई बदलाब नही आया।
इसका महत्बपूर्ण कारण है। की इन कबाडिय़ो को प्रशासन का भय नाम मात्र भी नही है। इस कार्य से कहिं न कहिं मिली भगत कि बू आ रही है तभी तो यह बैखौफ होकर शहर में अपनी दुकान सजाए हुए है।
कई बार चोरी का सामान मिलने के बाद भी मामला बाहर ही सुल्टा लिया जाता है। नगर एवं नगर के आस पास लगभग दो दर्जन से ज्यादा कबाड़े की दुकाने है। जिनसे लगभग रोज दो ट्रक कबाड़ा भर कर शहर के बाहर भेज दिया जाता है।
ऐसा क्या हैै जो कबाडिय़ो को गैर कानुनी कार्य करने की हि मत दे रही है। अगर छापामार कार्यवाही की जाए तो काफी मात्रा में बिना दस्ताबेजो का सामान मिल जाएगा जो कहिं न कहिं से अवैध ढंग से खरीदा गया है।
सुत्रो के हवाले से जानकारी भी मिली है पुल के पास एक कबाड़ी ने तो एक लोहा काटने के लिए एक मशीन भी खरीद रखी है जिससे संदेही कबाड़े को जल्द ठिकाने लगा दिया जाता है।