शिवपुरी। जेएनयू मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोही गतिविधियों की हिमायत कर रहे हैं। हताशा में वह देश विरोधी और देश हित का अंतर तक नहीं समझ पा रहे हैं। उक्त उदगार भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा ने जिला मु यालय शिवपुरी में आयोजित पत्रकारवार्ता में व्यक्त करते हुए भाजपा का इस मामले में पक्ष स्पष्ट किया। श्री शर्मा ने यह भी कटाक्ष किया कि राष्ट्रविरोधी नारे लगाना यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सूचक है तो उनकी दादी स्व. इंदिरा गांधी द्वारा सन् 1975 में देश भर में लागू किये गए आपात काल की प्रासंगिकता के बारे में उनके क्या विचार हैं।
श्री शर्मा से जब पूछा गया कि यदि राहुल गांधी ने राष्ट्रविरोधी ताकतों का समर्थन किया है तो क्या उनके विरूद्ध राजद्रोह का मामला भाजपा चलायेगी? इस सवाल का सीधा जवाब न देते हुए श्री शर्मा ने कहा कि इलाहाबाद न्यायालय में राहुल गांधी के विरूद्ध राजद्रोह का मामला कायम भी हो चुका है।
पत्रकारों ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा से यह भी पूछा कि भाजपा ने अफजल का समर्थन करने वाली पीडीपी से सत्ता में भागीदारी क्यों की? इस पर श्री शर्मा का जवाब था कि वहां की राजनैतिक परिस्थितियां ऐसी ही थी। पीडीपी के साथ सरकार बनाने से नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही हुआ है। घाटी में पहलीबार भारत समर्थक नारे लगे हैं।
जब उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया कि वहां तो नारे पाकिस्तान समर्थक और आजाद कश्मीर की मांग के भी लगते हैं तो उनका जवाब था कि धीरे-धीरे वहां भारत समर्थक ताकतें मजबूत होंगी और पाकिस्तान समर्थन के नारे लगना बंद हो जाएंगे।