अपहरण की नौटंकी: कर्जदारो के चक्कर में घर से भगा दिया था बेटे को

शिवपुरी। बीते 8-9 सित बर की रात्रि बैराड़ के ग्राम हरियाखेड़ी में पुष्पेन्द्र ओझा के अपहरण की कहानी झूठी निकली। अपहरण की कहानी युवक के पिता रामहेत ओझा ने कर्जदारों से बचने के लिए रची थी और अपने पुत्र को वहां से चले जाने को कह दिया था।

पुलिस इस मामले को संदिग्ध मान रहीं थी। जिस पर पुलिस ने रामहेत पर दवाब बनाया तो उसने पूरी कहानी पुलिस के समक्ष बयां कर दी और अपने पुत्र को सुभाषपुरा थाने में हाजिर करा दिया।

विदित हो की बिगत दिवस रामहेत ओझा ने पुलिस थाने में पहुंचकर पुलिस को बताया कि उसके पुत्र पुष्पेन्द्र ओझा को तीन बदमाश अगवाह करके ले गए। जब उसकी पत्नि बदमाशों का विरोध किया तो बदमाशों ने उनकी पत्नि को धक्का दे दिया।

इस मामले में पुलिस ने धारा 365 का मामला पंजीबद्ध कर लिया। लेकिन मामला संदिग्ध जान पड़ रहा था। जिस पर पुलिस ने जांच की और रामहेत से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपहरण की कहानी झूठी होना स्वीकार की। उसने पुलिस को बताया कि उसके ऊपर चार से पांच लाख रूपए का कर्जा था और कर्जदार उसके घर पर चक्कर लगाते थे।

घटना बाले दिन बैराड़ का रहने वाला वीरू शुक्ला और ग्राम ककरई का लाखन और सरपंच रघुवीर यादव उसके घर पर आये और तगादा किया। रोज-रोज तगादों से तंग आकर उसने अपने पुत्र को घर से कहीं दूर पहुंचा दिया और रात्रि में झूठी कहानी गढ़ कर पुत्र के अपहरण की बात फैंला दी।

जिससे उसके कर्जदार उसे परेशान न कर सकें। उसने पुलिस को यह भी बताया कि पुष्पेन्द्र को उसने छर्च के ग्राम तिघरा में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां पहुंचा दिया था।

जहां पुष्पेन्द्र एक दिन रूका और दूसरे दिन वह राजस्थान के देवरी से अलावदी पहुंचा जहां पर एक सिद्ध स्थान पर बैराड़ के रहने वाले पुजारी रामचरण बरार के यहां तीन दिन तक रूका।

पुलिस का कहना है कि इस मामले में वह धारा 182, 211, भादवि के अंतर्गत न्यायालय में इस्तगासा दायर करेंगे। जिससे ऐसी झूठी घटनाओं पर लगाम लग सके।