दिलीप बिल्डकॉन के खिलाफ अवैध उत्खन्न की जांच शुरू

शिवपुरी। ग्वालियर-देवास फोनलेन निर्माण सड़क निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के खिलाफ अवैध उत्खन्न एंव अवैध परिवहन करने की जांच शुरू हो गई है बताया गया है कि विगत दिवस शिवपुरी विकास खण्ड के कैरऊ गांव में आदिवासी के खेतो को खदान बनाने का मामला प्रकाश में आया था।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर-देवास फोरलेन निर्माण का कार्य कर रही कंपनी दिलीप बिल्डकॉन ने फोरलन के निर्माण के लिए प्रयोग में ली जा रही मुरम के लिए आदिवासियो के खेतों को खदान बना ड़ाला।

कंपनी के इस हरकत का विरोध करते हुए आदिवासियों ने सहरिया क्रांति के बैनर के तले अर्दनग्न होकर प्रर्दशन कर दिया और अवैध परिवहन कर रहे डम्फरो और अवैध उत्खन्न कर रही हिटैची को रोकरकर काम बंद करा दिया।

बताया गया है कि इस प्रर्दशन की सूचना पर मौके पर बम्हारी थाने का पुलिस बल पहुच गया और कंपनी के इस मशीनरी को अपने कब्जे में ले लिया।

इस प्रर्दशन के दूसरे दिन प्रशासन की टीम एडीएम नीतू माथुर के साथ पहुंची और मामले की जांच की गई इस मामले में शिवपुरी एसडीएम नीतू माथुर ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। जांच के बाद की ज्ञात हो सकता है मामला अवैध उत्खन्न का है कि नही।

इस मामले में बताया जा रहा है कि कंपनी के नुमाईंदो ने आदिवासियो की पट्टे की जमीन का कोर्ट में एक हजार के स्टॉंप पर अनुबंध लिया है और आदिवासी से इस उत्खन्न की रजामंदी ली है और उसका शुल्क के रूप में 5000 हजार रूपए दिया है।

इस मामले में अपने राम का कहना है कि यह मामला दिलीप बिल्डकॉन से जुडा है और इस कंपनी को सीएम की कृपा प्राप्त है नही तो इतने बडे उत्खन्न के मामले में इन कंपनी की मशीनरी को ऐसे ही नही छोड दिया जाता है।

कंपनी ने अपने फायदे के लिए लैंडयूज को ही बदल दिया जाता है नियम अनुसार लैंडयूज सरकारी दस्तावेजों में हर जमीन के टुकड़े का उपयोग दर्ज होता है। यह कुछ इस प्रकार से होता है।

वनभूमि, कृषि भूमि, खदान एवं रिहायशी भूमि। रिकार्ड में जो भूमि जिस काम के लिए दर्ज है, उस पर वही काम किया जा सकता है। शेष अवैध और दण्डनीय है।

डायवर्सन या लेंडयूज चेंज कराना कितनी टेडी खीर है यह बताने की जरूरत नहीं लेकिन कंपनी ने 1000 रुपए के स्टांप पेपर पर लेंडयूज ही चेंज कर डाला। आदिवासियों को पट्टे पर मिले खेतों को खदान बना डाला और उत्खनन भी शुरू कर दिया।