आवक कम फिर भी संभाग में अव्वल रही कृषि मण्डी शिवपुरी

शिवपुरी- कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी ग्वालियर संभाग में उन सभी मण्डीयों की तुलना में अव्वल रही है जिन्हें इस वर्ष अप्रैल माह से दिस बर तक निर्धारित टारगेट को पूरा करना था। कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी ने मण्डी शुल्क के निर्धारण को लेकर ना केवल टारगेट पूरा किया बल्कि मण्डी शुल्क की चोरी रोकने के लिए व्यापारियों पर लगाम कसके नंबर दो की आवक पर अंकुश लगाया।

इसके अलावा कृषि मण्डी प्रांगण में भी किसानों की तौल के दौरान होने वाली चोरी पर भी प्रतिबंध लगाकर किसानों को राहत दिलाई है। कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी के मामले में कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की दिनों दिन बढ़ती रूचि के मद्देनजर जिला एवं मण्डी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और निवृत्तमान मण्डी सचिव की कार्यप्रणाली ने यहां होने वाली तमाम तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाई है।

यह सारा वातावरण इस बात के लिए कारगर हुआ कि कम आवक होने की स्थिति में ही कृषि मण्डी शिवपुरी ने अपने निर्धारित टारगेट को पूरा करते हुए लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अक्टूबर के माह को छोड़ दें जिसमें टारगेट ऋणात्मक हुआ है तो 11 माह की उपलब्धि को उत्कृष्ट माना जा सकता है। जहां एक तरफ ग्वालियर संभाग में मण्डीयों का टारगेट पूरा ना होने की दशा में डीएस कार्यालय चिंतित है वहीं शिवपुरी मण्डी का परिणाम उसे राहत देने वाला साबित हुआ है।

कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी में जिंस की आवक को देखते हुए बी-क्लास की मण्डी के स्तर के अनुसार यहां किसानों की आमद उतनी नहीं हुआ करती थी जितनी होना चाहिए थी। फौरी तौर पर यह मण्डी केवल इस बात के लिए मानी जाती रही है कि नंबर दो का काम शिवपुरी मण्डी से आसानी से चलाया जा सकता है इन सारी विपरीत परिस्थितियों के बीच में जब 14 माह पूर्व श्यामबिहारी शर्मा की यहां मण्डी सचिव के रूप में तैनाती हुई तो स्टाफ की अलाली और मक्कारी के साथ-साथ व्यापारियों के बीच कृषि मण्डी का जो स्तर था वह इस हद तक गिरा हुआ था कि मण्डी टारगेट को पूरा करने के लिए शिवपुरी शहर के बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों से कर्जा लेकर मण्डी के टारगेट को पूरा किया जा रहा है।

प्रशासनिक रूप से वातावरण ध्वस्त होने के बाबजूद भी आज मण्डी का शत प्रतिशत टारगेट पूरा होना निश्चित तौर पर निवृत्तमान मण्डी सचिव की कार्यप्रणाली को प्रशंसनीय बनाता है। पिछले वर्ष अप्रैल से दिस बर माह के बीच जहां 01 करोड़ 85 लाख 74 हजार 52 रूपये की मण्डी शुल्क कृषि मण्डी के द्वारा प्राप्त किया तो वहीं इस वर्ष इन्हीं माहों में 02 करोड़ 60 लाख 21 हजार 352 रूपया का मण्डी शुल्क जमा हुआ है।

यह अपने आप में दर्शाता है कि कितने बड़े स्तर पर शिवपुरी मण्डी में टैक्स की चोरी हो रही थी। ग्वालियर से लेकर भोपाल तक इस मण्डी टैक्स की चोरी में कौन-कौन शामिल थे और क्यों डीएस कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, यह जांच के दायरे में आता है। मण्डी सचिव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मण्डी प्रांगण में चोरी के साथ-साथ व्यापारिक गोदामों पर पहुंचने वाले माल पर अंकुश लगा है। जिस वजह से यह उपलब्धि हासिल हुई।

व्यापारिक माल की डाक संभव नहीं
श्यामबिहारी शर्मा मण्डी सचिव
कृषि उपज मण्डी समिति के सचिव श्यामबिहारी शर्मा से भारत-मत ने यह पूछा कि कलेक्टर शिवपुरी का ध्यान इस बात पर है कि वर्तमान में मूंगफली की ब फर आवक शिवपुरी के व्यापारिक फर्मों पर हो रही है और यह व्यापारिक फर्में बोगस फर्मों के माध्यम से माल की आवक करके मण्डी टैक्स की चोरी कर रही है जिसके लिए कलेक्टर शिवपुरी चाहते हैं कि शिवपुरी में होने वाले इस तरह के माल पर होने वाली चोरी को रोका जाए और व्यापारिक माल की डाक लगवाई जाए।

इसके जबाब में उन्होंने कहा कि व्यापारिक माल की डाक लगना संभव नहीं है क्योंकि जिस फर्म के माध्यम से माल की खरीदी की जाती है तो वह बिलिंग के आधार पर संबंधित मण्डी क्षेत्र से अनुज्ञा पत्र लेकर ही अपने गोदामों तक माल फर्म के द्वारा लाया जाता है। इसके लिए व्यापारिक फर्मों के भण्डारण की जांच कराने के लिए मण्डी कर्मचारी लगाए गए है यदि उनके भण्डारण के अनुसार अनुज्ञा पत्र और बिलिंग नहीं पाई जाती है तो पांच गुना मण्डी टैक्स के अनुसार उनसे वसूली करने की प्रक्रिया जारी की जाएगी।

11 लाख का गबन लेकिन प्रशासन मौन

शिवपुरी जिले में यदि कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी ग्वालियर संभाग में अव्वल है तो जिला मु यालय के अंतर्गत आने वाली एक मण्डी ऐसी भी है जहां मण्डी के सचिव द्वारा नाकेदार की ड्यूटी मण्डी शुल्क जमा कराने के लिए लगाई गई थी। सूत्रों के मुताबिक सित बर, अक्टूबर, नव बर 2014 के बीच इस मण्डी में 11 लाख 59 हजार रूपये का मण्डी शुल्क प्राप्त हुआ जिसे नियमानुसार जमा नहीं कराया और तो और उस मण्डी सचिव व संबंधित नाकेदार के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठी।

मामले का खुलासा जब हुआ तब डीएस कार्यालय से लेखा परीक्षण के लिए टीम पहुंची। तब इस घटना की जानकारी सामने आई लेकिन इसके बाबजूद भी सूत्रों के मुताबिक विपक्ष के वर्तमान विधायक ने उस मण्डी सचिव का संरक्षण किया और अभी तक कोई कार्यवाही उस मण्डी सचिव के खिलाफ नहीं हुई है यह अपने आप में विचारणीय प्रश्र तब है जबकि पिछले मंगलवार की टी.एल.बैठक में कलेक्टर शिवपुरी के सामने संबंधित मण्डी क्षेत्र के एसडीएम ने यह मामला उठाया है।