आकांक्षा के शरीर पर मिले चोट के निशान, ससुरालजन सस्पेक्टेड

शिवपुरी। वो मेरी बेटी थी जिसने अपने आप को नरक में रहने के बाद भी हमें कुछ नहीं बताया यदि समय रहते बेटी कुछ बता देती तो शायद यह नौबत ना आती, हमारी बेटी के हत्यारे है उसके ससुरालीजन, जिसमें सास-सुसर और ननद की प्रताडऩाओं से तंग आकर आकांक्षा ने मौत को गले लगाया,
यह आत्महत्या नहीं उसकी हत्या है इसलिए मेरी पुलिस से गुजारिश है कि वह आकांक्षा के ससुरालियों पर हत्या का केस दर्ज करें और कार्यवाही कर हमें न्याय दिलाए। यह आरोप लगाया मृतक आकांक्षा के पति राजेश सिंह तोमर ने जिन्होंने पत्रकारों के समक्ष अपनी बेटी की मौत को लेकर ससुरालियों को उसका हत्यारा करार दिया।

गत दिवस आरके पुरम कॉलोनी में निवासरत् आकांक्षा भदौरिया की संदिग्ध मौत के मामले में आज पीएम हाउस पर मृतिका के पिता ने ससुराली पक्ष के लोगों पर हत्या का सनसनीखेज आरोप लगाया है। जिससे मामले की संदिग्धता और बढ़ गई है। पुलिस ने पीएम हाउस पर पहुंचकर लाश का निरीक्षण भी किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आकांक्षा के शरीर पर चोट के निशान भी हैं। इस पूरे मामले में कोतवाली टीआई योगेन्द्र सिंह जादौन का कहना है कि मामला शुरू से ही संदिग्ध है। रही बात शरीर पर चोटों के निशान की तो यह सारा खुलासा पीएम के बाद सभी के सामने आ जाएगा और पीएम रिपोर्ट के बाद मामले में उचित कार्रवाई भी की जाएगी।

मृतिका आकांक्षा के पिता राजेश सिंह तोमर निवासी फतेहगढ़ ने ससुरालीजनों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ससुराल पक्ष के लोग शादी के बाद से ही आकांक्षा को तरह-तरह से प्रताडि़त करते थे और उसे मायके भी नहीं आने देते थे। शादी के बाद सिर्फ दो बार ही आकांक्षा मायके आई थी। ससुरालीजनों ने उसे हम लोगों से बात करने पर भी पाबंदी लगा दी थी। एक बार तो उसका मोबाइल ही ससुरालीजनोंं ने तोड़ दिया था। इस तरह वह उसे परेशान करते थे और कल आरोपियों ने उसकी मारपीट कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और उसे आत्महत्या करार देने के लिए आरोपियों ने दुपट्टे से उसके गले पर निशान बना दिए।

आकांक्षा ने फोन लगाकर पिता को बुलाया था शिवपुरी
श्री तोमर ने बताया कि कल सुबह 5-5:30 बजे आकांक्षा ने मुझे फोन लगाया और मुझसे कहा कि पापा आप जल्दी शिवपुरी आ जाओ। लेकिन जब पिता ने पुत्री की दर्दभरी आवाज सुनी तो उन्होंने सवाल किया कि बेटी कोई परेशानी तो नहीं? जिस पर आकांक्षा ने तुरंत फोन काट दिया। पुत्री की परेशानी को भांपकर वह सुबह ही अपने गांव फतेहगढ़ से कानपुर पहुंचे। जहां उन्हें जानकारी लगी कि आकांक्षा की मौत हो गई। जिससे वह स्तब्ध हो गए और तुरंत ही शिवपुरी के लिए रवाना हो गए।

ससुरालियों ने नगदी लिए अब सामान की करते थे मांग
मृतिका आकांक्षा के पिता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विवाह के समय दहेज की मांग ससुरालियों ने की थी। जहां दोनों पक्षों के बीच दहेज की बात तय हुई। जिसमें ससुरालियों ने बिना कोई सामान लिए साढ़े सात लाख रूपये नगद मांगे थे। इस मांग को पूरा करते हुए विवाह के समय उन्होंने साढ़े सात लाख रूपये नगद दिए थे, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही ससुरालियों की ओर से सामान के लिए भी मांग आने लगी। इसे लेकर वह स्वयं पुत्री के घर गए। जहां आकांक्षा के ससुर से बात हुई। लेकिन वह नहीं माने।

मायके आने जाने पर लगी थी पाबंदी
ससुरालीजनों द्वारा दहेज के सामान की मांग जब मायके पक्ष से पूरी नहीं हो सकी तो ससुरालियों ने आकांक्षा के मायके आने-जाने पर पाबंदी लगा दी और मोबाइल से बात करने पर भी रोक लगा दी।