गवाह को आरोपी बना दिया कोलारस पुलिस ने

शिवपुरी। बीती 21 मई 2014 की रात्रि को लगभग ढाई बजे ग्राम सुनाज के पठार सिद्धन पर सो रहे भौजापाल पर उस समय उसके अपने ही साथियों ने प्राणघातक हमला बोल दिया था जब वह शराब के नशे में धुत्त होकर सो रहा था, इस हमले में घायल भौजापाल की गर्दन में गंभीर चोट आई और उसे उपचार के लिए ग्वालियर भर्ती कराया गया लेकिन यहां पुलिस की कार्यवाही को घायल के परिजन व आरोपित के परिजनों ने कठघरे में खड़ा कर दिया है।

पुलिस ने इस मामले में हेमपाल परिहार पर धारा 307 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है जबकि हेमपाल के परिजनों का कहना है कि घटना को ग्राम के ही शिशुपाल यादव व कल्ला ने अंजाम दिया जबकि हेमपाल तो इनके साथ नशे में भौजा के साथ सो रहा था। इस पुलिसिया कार्यवाही को लेकर पीडि़त परिजन व आरोपित के परिजनों ने निष्पक्षता की मांग पुलिस अधीक्षक से की है ताकि पूरे मामले की जांच हो और दोषी के खिलाफ कार्यवाही। बताया गया है कि इस हमले में घायल भौजपाल चूंकि बोल तो नहीं पा रहा लेकिन वह हाथों से लिखकर उस पर हमला करने वाले आरोपियों के नाम का खुलासा करेगा।

घायल भौजापाल के भाई रतन लाल पुत्र स्व.कल्लू पाल ने बताया कि ग्राम सुनाज थाना कोलारस निवासी भौजपाल की मित्रता हेमपाल परिहार पुत्र रती पाल निवासी सुनाज, शिशुपाल यादव व कल्ला यादव के साथ थी। बीतीे कई वर्षों से यह साथ में उठ-बैठ रहे थे। अभी कुछ समय पहले जब चना की फसल आई तो शिशुपाल ने भौजा से 50 हजार रूपये लिए थे इस रूपये को लेेने का दबाब जब भौजा ने शिशुपाल पर बनाया तो शिशुपाल ने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई और बीती 21 अप्रैल की रात को भौजा, शिशुपाल, हेमपाल व कल्ला ने मिलकर पठार के सिद्धन पर जमकर शराब पी और शराब के नशे पर भौजा पर जानलेवा हमला बोला गया।

इस हमले के बाद पुलिस ने आरोपी हेमपाल परिहार को बनाया। पुलिस की इस कार्यवाही पर हेमपाल के पिता रती परिहार व पत्नि श्रीमती कमला परिहार ने सवाल उठाए और बताया कि हेमपाल तो शिशुपाल व कल्ला के साथ था और रात में भौजा के साथ सो रहा था, इन्होनें आरोप लगाया कि भौजा पर कुल्हाड़ी से हमला शिशुपाल व कल्ला ने बोला और नाम उसके पति हेमपाल पर लगाया, कोलारस थाने में बंद हेमपाल को लेकर परिजनों ने बताया कि पुलिस ने जबरन हेमपाल से इस घटनाक्रम को कबूलवाया इसलिए उसने यह मामला अपने सिर लिया, इस मामले में हेमपाल के पिता ने शिशुपाल के भाई पंचायत सचिव धूपसिंह पर भी 80 हजार रूपए के एवज में यह मामला दर्ज होने के भी आरोप लगाए और असल दोषी शिशुपाल व कल्ला को बताया।

हेमपाल के परिजनों की इस बात को उसके बहनोई सोढू भी स्वीकार करते है और दोषी शिशुपाल व कल्ला को बताते है। चूंकि पुलिस ने 22 मई को ही हेमपाल को आरोपी बनाकर उसके विरूद्ध अप.क्रं.166/14 पर धारा 307 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया। लेकिन अब परिजनों के बयानों से मामले की पर्तें खुल रही और पुलिसिया कार्यवाही कठघरे में है। ऐसे में अब इस हमले में घायल भौजापाल की स्थिति में भी सुधार बताया गया है और वह शीघ्र ही हाथों से लिखकर आरोपियों के नाम का खुलासा करेगा।

वहीं दूसरी ओर हेमपाल की पत्नि कमला बाई ने पुलिस के उस आरोप को भी बेबुनियाद बताया है जिसमें पुलिस ने हेमपाल के द्वारा भौजपाल से अपनी पत्नि को छेडख़ानी की बात कही गई जबकि कमलाबाई का तो दूर-दूर तक भौजा से कोई संबंध नहीं है। अब मामले की निष्पक्षता की मांग पीडि़त के परिजन व आरोपित के परिजनों ने की है ताकि निर्दोष बचें और दोषियों को सजा दिलाई जाए।