एसडीएम कार्यालय में आज होगी सूअर प्रकरण में सुनवाई

शिवपुरी। शिवपुरी विधायक और वाणिज्य उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मंशानुरूप शहर को सूअर मुक्त बनाने के लिए जो अभियान छेड़ गया है उसके अनुसार अब तक लगभग 2 से ढाई हजार सूअर शहर से बाहर भेज दिए गए है यह आंकड़ा नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा भी स्वीकार करते है
लेकिन अभी भी नगर में हजारों सूअरों का विचरण प्रतिदिन की तरह जारी है जिस पर शहर के 12 सूअर पालकों को अभिभाषक के माध्यम से नोटिस भी भेजे गए और यदि वह ऐसा नहीं करते है इनके विरूद्ध कार्यवाही भी की जा सकती है। इस मामले की सुनवाई आज 23 जनवरी को एसडीएम न्यायालय में होगी। जहां सूअर पालिक और नपा अपना-अपना पक्ष रखेंगें। 

यहां बताना मुनासिब होगा कि शहर से सुअर हटाने की मुहिम के तहत अनुविभागीय दण्डाधिकारी के न्यायालय ने नगरपालिका की ईस्तगाशा पर 13 सुअर पालकों को जो नोटिस जारी किए हैं। उसके तारत य में 12 सुअर पालकों ने अभिभाषक के माध्यम से  जवाब पेश कर दिया है, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं हैं। अधिकांश सुअर पालकों ने गोलमोल जवाब दिए हैं। कुछ ने कहा है कि वह सुअर नहीं पालते जबकि कुछ का कथन है कि उनके पास जितनी सुअरों की सं या बताई गई है उतनी नहीं है। 

कुछ का जवाब है कि उनके सुअर तो नेशनल पार्क में जाते हैं। जबकि ईक्का-दुक्का ने नगरपालिका पर दोषारोपण किया है और कहा है कि उन्होंने बड़े सुअरपालकों को छोड़ दिया है तथा उन्हें नोटिस नहीं दिए। यह भी तथ्य है कि एसडीएम कोर्ट को 13 सुअर पालकों के पास नपा ने जो सुअरों की सं या बताई है वह दो से ढाई हजार के बीच है। 

जबकि शहर में 10 हजार से कम सुअर नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा सफाई में कहते हैं कि न्यायालय में प्रकरण उन सुअर पालकों के विरूद्ध दर्ज कराए गए हैं जो सहयोग नहीं कर रहे। कुछ सुअर पालकों ने अपने सुअर शहर से बाहर भेज दिए हैं और कुछ ने सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। श्री शर्मा को आशा है कि शहर से जल्द सुअरों को बेदखल किया जाएगा। 

इस प्रकरण में एसडीएम श्री जैन ने अब 23 जनवरी को अगली तारीख साक्ष्य के लिए निर्धारित की है। नियम-निर्देशों की बात करें तो नगरपालिका विधान की धारा 253 और 254 में नगरपालिका के अधिकारियों को यह शक्ति है कि वह सुअरों को बेदखल कर सुअरपालकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन नगरपालिका ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल न कर एक तरह से सुअर पालकों का पक्ष लिया और अपनी जि मेवारियों से किनारा कर एसडीएम कोर्ट की ओर मामले को उछाल दिया।

इन्हें दिए गए हैं नोटिस

नगरपालिका की ईस्तगाशा पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी के न्यायालय में सुअर पालकों घनश्याम मेहते, भगतराम, शक्ति धौलपुरिया, दयालाल खरे, विजय मेहते, बब्बल मेहते, बालमुकुंद, नंदराम, बलवंत, किशन, गिरवर, बच्ची कोडे और कल्ला मेहते को नोटिस जारी कर उनसे 21 जनवरी तक जवाब मांगा। नोटिस में कहा गया है कि सुअरों के शहर में विचरण करने से न्युसेंस फैल रहा है। मानव जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है और सुअरों के हमले में अनेक लोग घायल हो चुके हैं। इसलिए सुअरपालक अपने-अपने सुअरों को शहर से बाहर भेजें।

अब उठ रहा सवाल कहां हैं शेष सूअर?

सवाल यह है कि जिन सुअर पालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनके पास सुअरों की सं या दो ढाई हजार के आसपास ही है। ऐसे में शेष किसके हैं? यह एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है। बताया जाता है कि सुअर पालकों के नोटिसों के जवाब संतोषजनक नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपना पक्ष साक्ष्य सहित पेश करने के लिए 23 जनवरी को एसडीएम कोर्ट में हाजिर होना होगा और प्रशासनिक सक्रियता से यह नजर आ रहा है कि सुअरों को शहर से बाहर बेदखल करने के आदेश जारी किए जाएंगे और आदेश के उल्लंघन की दिशा में सुअर पालकों के विरूद्ध मामले दर्ज कर उन्हें जेल की हवा खिलाई जाएगी।